हाथरस पीड़िता के अंतिम संस्कार पर सवालों के घेरे में योगी सरकार, आखिर पुलिस को किसने दिए ये अधिकार?
उत्तर प्रदेश के हाथरस दुष्कर्म केस की पीड़िता के शव को देर रात परिजनों की मर्जी के खिलाफ प्रशासन द्वारा जला देने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और बीएसपी प्रमुख मायावती ने योगी सरकार को घेरा है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस दुष्कर्म केस की पीड़िता के शव को देर रात परिजनों की मर्जी के खिलाफ प्रशासन द्वारा जला देने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और बीएसपी प्रमुख मायावती ने योगी सरकार को घेरा है। प्रियंका गांधी ने बुधवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, रात को ढाई बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तो सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ तो सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया।
उन्होंने आगे लिखा, पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। यह घोर अमानवीयता है। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ इस्तीफो दें। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
बीएसपी मुखिया मायावती ने लिखा कि, यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना और उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह और आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
उन्होंने आगे कहा, अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार और पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय और दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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