पिंक लाइन शुरू होने से दिल्ली वालों का सफर हुआ और आसान, डीएमआरसी के लिए क्या रहीं चुनौतियां? जानिए
दिल्ली वासियों को शुक्रवार सुबह एक बड़ा तोहफा देते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिंक लाइन का उद्घाटन किया। इसके बाद दोपहर 3 बजे से यात्रियों के लिए पिंक लाइन की सेवा शुरू कर दी गई।
दिल्ली वासियों को शुक्रवार सुबह एक बड़ा तोहफा देते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिंक लाइन का उद्घाटन किया। इसके बाद दोपहर 3 बजे से यात्रियों के लिए पिंक लाइन की सेवा शुरू कर दी गई। इसके बाद 59 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन शुरू होने के बाद दिल्ली के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों के महत्वपूर्ण बाजारों, अस्पतालों, ट्रांसपोर्ट हब और दक्षिणी तथा मध्य दिल्ली के प्रमुख आवासीय क्षेत्रों को निर्बाध रूप से आपस में जोड़ेंगी।
इस सेक्शन के खुलने से 285 स्टेशनों के साथ नोएडा ग्रेटर-नोएडा मेट्रो कॉरिडोर और रैपिड मेट्रो, गुरुग्राम सहित दिल्ली मेट्रो नेटवर्क अब लगभग 390 किलोमीटर लंबा हो जाएगा।
पिंक लाइन के त्रिलोकपुरी-संजय लेक और मयूर विहार पॉकेट-1 स्टेशनों के बीच इस मिसिंग लिंक पर 290 मीटर लंबे खंड पर निर्माण कार्य किया गया है।
इस कॉरिडोर के द्वारा महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट सेंटर जैसे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, सराय काले खां आईएसबीटी, आनंद विहार रेलवे स्टेशन, आनंद विहार आईएसबीटी, दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन और प्रमुख बाजार जैसे दिल्ली हाट-आईएनए, सरोजनी नगर और लाजपत नगर को सीधे कनेक्टिविटी मिल सकेगी।
फेज 4 में इस कॉरिडोर को आगे मजलिस पार्क से मौजपुर तक बढ़ाया जाएगा, जिससे लगभग 70 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर भारत का सबसे लंबा सिंगल मेट्रो कॉरिडोर बन जाएगा।
फेज 4 के पूरा होने के बाद पिंक लाइन देश में मेट्रो का एकमात्र रिंग कॉरिडोर भी बन जाएगी।
दरअसल इस खंड का निर्माण कार्य डीएमआरसी के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, क्योंकि महामारी के कारण लॉकडाउन लगने तथा श्रमशक्ति के उपलब्ध ना होने जैसे मुद्दों के कारण कार्य बार-बार बाधित हुआ।
डीएमआरसी त्रिलोकपुरी वायाडक्ट के नीचे एक इंटरनल रोड भी विकसित कर रही है, जो वसुंधरा रोड और त्रिलोक पुरी रोड को आपस में जोड़ेगा। यह रोड 140 मीटर लंबा होगा। इससे क्षेत्र में भीड़भाड़ कम होने में मदद मिलेगी और यातायात में भी सुधार होगा।
पिंक लाइन के वर्तमान सेक्शन जबकि 2019 में चालू हो गए थे, इस छोटे से खंड में बाधामुक्त भूमि की अनुपलब्धता के कारण देरी हुई। अपेक्षित कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के बाद भूमि अधिग्रहण किया जा सका और निर्माण कार्य की शुरूआत करने और उसे पूरा करने के लिए परियोजना से प्रभावित लोगों के रीहैबिलिटेशन और रीसेटेलमेंट का काम पूरा किया गया।
अक्टूबर 2019 में ही इस साइट पर निर्माण के लिए आंशिक रूप से उपलब्धता मिल सकी और दिसंबर 2020 में ही यह पूरी तरह से उपलब्ध हो पाया।
इसके अलावा मयूर विहार पॉकेट-1 से त्रिलोकपुरी-संजय लेक स्टेशनों के बीच वाले खंड की कनेक्टिविटी के बाद पूरी पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार) पर निम्नलिखित ऑपरेशनल प्लान के अनुरूप ट्रेन सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिसमें मजलिस पार्क से सराय काले खां, निजामुद्दीन और शिव विहार से आईपी एक्सटेंशन सेक्शनों पर ट्रेन सेवाएं 5 मिनट 12 सेकेंड की फ्रीक्वेंसी के साथ उपलब्ध होंगी, जिनमें पीक घंटों के दौरान 43 (स्टैंडबाई सहित) ट्रेनें भी शामिल होंगी।
वहीं सराय काले खां निजामुद्दीन से आईपी एक्सटेंशन सेक्शन पर ट्रेन सेवाएं 10 मिनट 24 सेकेंड की फ्रीक्वेंसी के साथ उपलब्ध होंगी, जिनमें प्रत्येक आल्टरनेट/दूसरी ट्रेन निजामुद्दीन से आईपी एक्सटेंशन की ओर तथा इसकी विपरीत दिशा में चलेंगी।
साथ ही मयूर विहार पॉकेट-1 और त्रिलोकपुरी-संजय लेक स्टेशनों (दूरी लगभग 1.5 कि.मी.) के खंड के बीच ऑटोमेटिड सिगनलिंग सिस्टम न होने के कारण ट्रेनें 25 कि.मी.प्र.घं. की अस्थायी प्रतिबंधित गति से चलेंगी क्योंकि सिगनलिंग सिस्टम अभी स्थापित किया जा रहा है।
इसके बाद, इस खंड पर भी ट्रेनें नियमित गति से चलने लगेंगी और गति सीमा का प्रतिबंध समाप्त हो जाएगा।
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