गुजरात चुनाव के नतीजों पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की राय, कांग्रेस के लिए आगे का रास्ता है उम्मीदों से भरा

बीजेपी गुजरात में अपनी सत्ता बचाने में तो कामयाब रही, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में उसकी कई कमियों की तरफ इशारा किया गया है, जबकि चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन को रेखांकित किया गया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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धैर्य माहेश्वरी

गुजरात चुनाव के नतीजे अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में है। बीजेपी गुजरात में अपनी सत्ता तो बचाने में कामयाब रही, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में उसकी कई कमियों की तरफ इशारा किया गया है, जबकि इस चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के बारे में काफी बातें की गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने लिखा है कि तीन साल पहले लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार एक मजबूत राजनीतिक शक्ति बने हुए हैं। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि भले ही गुजरात में बीजेपी जीत गई हो, लेकिन जीत के साथ ही उसकी कुछ कमियां भी सामने आ गई हैं।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय की पूर्व प्रोफेसर सुधा पाई की गुजरात चुनाव के नतीजों पर यह टिप्पणी थी, “बीजेपी का घमंड थोड़ा घट गया है।”

‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के पूर्व संपादक वीर सांघवी ने ‘साउथ चाइना मॉर्निंग’ के अपने लेख में लिखा कि गुजरात की जीत ऐसी है कि जीतने वाले को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है, वहीं हारने वाले को निराश नहीं, बल्कि उत्साहित होना चाहिए। वीर सांघवी ने अपने लेख में आगे लिखा, “चुनाव में प्रधानमंत्री ने विकास के मुद्दे को त्याग दिया था और उन्होंने हिंदू-मुस्लिम विवाद का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की।”

सांघवी ने अपने लेख में इस बात का भी जिक्र किया कि किस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान उच्चायुक्त के साथ मिलकर बीजेपी को चुनाव में हराने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया था। अपने लेख में सांघवी कहते हैं, “ये कहना मुश्किल है कि खुद के द्वारा लगाए आरोपों पर पीएम मोदी ही विश्वास करते हों। बावजूद इसके चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह का बयान उन्होंने दिया।” अपने लेख के आखिर में वीर सांघवी ने लिखा, “गुजरात में भले ही मोदी का रथ आगे निकल गया हो, लेकिन उनकी राह में कई रोड़े भी आए।”

ब्रिटेन के ‘द टेलीग्राफ’ ने लिखा कि पीएम मोदी के लिए गुजरात चुनाव एक ऐसा राजनीतिक युद्ध था जिसमें उन्हें कड़ी टक्कर मिली। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग किया। अखबार ने इस बात को भी रेखांकित किया कि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर ये आरोप लगाया कि वे जीतने के लिए पाकिस्तान से मदद ले रहे हैं। अखबार ने लिखा कि खुद पर लगे आरोपों की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कड़ी आलोचना की और उस पर गुस्से का इजहार किया।

गुजरात चुनाव के नतीजों को कोलकाता के अखबार ‘टेलीग्राफ’ ने प्रमुखता से जगह दी। अखबार ने अपने लेख में राहुल गांधी के लिए लिखा, “हां, वे कर सकते हैं।” अखबार ने राहुल गांधी को 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री के एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में दर्शाया। अखबार ने आगे अपनी रिपोर्ट में लिखा कि गुजरात में पीएम मोदी के चुनाव प्रचार ने बीजेपी को भले ही बचा लिया हो, लेकिन वे अब अजेय नहीं रहे। लेख में टेलीग्राफ ने टिप्पणी की, “भारतीय मतदाता की उंगली कभी आश्चर्यचकित करना बंद नहीं करती।”

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Published: 19 Dec 2017, 9:09 PM