आलोक वर्मा के सीबीआई निदेशक रहते अस्थाना पर थे 6 केस, हटते ही रह गया सिर्फ एक मामला !

सीबीआई विवाद के बाद मोदी सरकार ने 23 अक्टूबर को आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था। उससे कुछ ही दिन पहले एजेंसी ने कहा था कि अस्थाना के खिलाफ 6 मामलों में जांच चल रही है। लेकिन अब उसका कहना है कि उनके खिलाफ सिर्फ एक केस में जांच जारी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

ये सुनने में बिल्कुल अजीब लगेगा, लेकिन सच है कि जांच एजेंसियों में हालात बदलने पर उसका असर किसी के खिलाफ दर्ज मामलों पर भी पड़ता है। दरअसल ऐसा ही हुआ है सीबीआई में। सिर्फ तीन महीने पहले खुद सीबीआई ने बताया था कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ 6 मामलों में जांच चल रही है। लेकिन द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार एक आरटीआई के जवाब में सीबीआई ने अब बताया है कि अस्थाना के खिलाफ फिलहाल सिर्फ एक मामले में जांच चल रही है। सीबीआई ने कहा है कि अस्थाना के खिलाफ 15 अक्टूबर को एक एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें उनपर मोइन कुरैशी केस में हैदराबाद के व्यापारी से घूस लेने का आरोप है। इसके अलावा, और किसी मामले में अस्थाना के खिलाफ जांच नहीं चल रही।

लेकिन खास बात ये है कि इससे पहले 21 सितंबर को सीबीआई ने ही अपने आधिकारिक बयान में बताया था कि अस्थाना के खिलाफ 6 मामलों में जांच चल रही है। उस वक्त तक आलोक वर्मा सीबीआई की अगुआई कर रहे थे। इसके बाद 10 अक्टूबर को इंडियन एक्सप्रेस ने आरटीआई दाखिल कर अस्थाना के खिलाफ दर्ज 6 मामलों की जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में 2 नवंबर को सीबीआई के सूचना अधिकारी ने अस्थाना के खिलाफ एक केस की जानकारी दी।

इसके बाद द इंडियन एक्सप्रेस ने आरटीआई कानून के तहत उन 6 केसों की जानकारी मांगी, जिनके बारे में एजेंसी ने पहले जानकारी दी थी। लेकिन 5 दिसंबर को एजेंसी के संयुक्त निदेशक अमित कुमार ने सूचना अधिकारी के जवाब को ही फिर से दोहरा दिया। इसके बाद समाचार पत्र ने 14 दिसंबर को सीबीआई प्रवक्ता को सितंबर के बयान का हवाला देते हुए अस्थाना के खिलाफ दर्ज 6 केसों की जानकारी मांगी। इन सवालों का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

गौरतलब है कि सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थान द्वारा एक दूसरे पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और जांच में दखल देने का आरोप लगाने के बाद एजेंसी में मचे घमासान के बीच मोदी सरकार ने दोनों अधिकारियों को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया था। सरकार ने आधी रात को दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से हटाते हुए तत्कालीन जॉइंट डायरेक्टर एम नागगेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम निदेशक बनाया था। इसके बाद आलोक वर्मा ने खुद को पद से हटाए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई चल रही है।

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Published: 21 Dec 2018, 9:22 PM