ज्ञानवापी मामले से जुड़ी फोटो और वीडियो सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग, जानें क्या है वजह
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विशन ने वाराणसी के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव के हित में ज्ञानवापी आयोग की फोटोग्राफी और वीडियो सामग्री के प्रचार-प्रसार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर मामले में याचिकाकर्ताओं में शामिल विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के प्रमुख जितेंद्र सिंह विशन ने वाराणसी के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव के हित में ज्ञानवापी आयोग की फोटोग्राफी और वीडियो सामग्री के प्रचार-प्रसार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अपने पत्र में विशन ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर का वीडियो सर्वेक्षण सिविल जज (सीनियर डिवीजन, वाराणसी) के आदेश के अनुसार किया गया है और उक्त फोटोग्राफी और वीडियो सामग्री को एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट के साथ कोर्ट को प्रस्तुत किया गया है।
उन्होंने कहा कि उक्त फोटोग्राफी और वीडियो की सामग्री मामले के अदालती रिकॉर्ड का हिस्सा है और मामले में अदालत की कार्यवाही अभी चल रही है। उन्होंने कहा, "चूंकि मामला स्पष्ट रूप से गंभीर है और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव से संबंधित है, इसलिए उक्त ज्ञानवापी आयोग की उक्त फोटोग्राफी और वीडियो सामग्री का किसी भी मंच पर खुलासा या प्रचार करना राष्ट्रीय हित के खिलाफ हो सकता है।"
विशन ने कहा कि राष्ट्रविरोधी तत्व उक्त ज्ञानवापी आयोग की फोटोग्राफी और वीडियो की सामग्री को प्रचारित और प्रकट कर सकते हैं और मामले से संबंधित दोनों समुदायों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने के लिए एक उपकरण (टूल) के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि फोटोग्राफी और वीडियो सामग्री को अदालती कार्यवाही तक ही सीमित रखा जाए और किसी भी सार्वजनिक मंच पर इसका खुलासा या प्रचार न किया जाए। उन्होंने भविष्य में किसी भी मंच पर उपरोक्त जानकारी का खुलासा करते पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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