विशाखापट्टनम केमिकल प्लांट में गैस लीक से मरने वालों का आंकड़ा 11 पहुंचा, CM जगन ने किया मुआवजे का ऐलान
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी में गैस लीकेज मामले में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 300 लोगों का इलाज चल रहा है। यह घटना गुरुवार सुबह हुई। स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया है।
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी में गैस लीकेज मामले में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 300 लोगों का इलाज चल रहा है। यह घटना गुरुवार सुबह हुई। स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया है।
बताया जा रहा है कि आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी से सुबह 2.30 बजे खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ है। इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं। फिलहाल, पांच गांव खाली करा लिए गए। इसी बीच मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी भी विशाखापट्टनम पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने किंग जॉर्ज हॉस्पिटल में एडमिट पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुआवजे का ऐलान किया। हादसे के कारण जान गंवाने पर लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये और डिस्चार्ज किए जा चुके लोगों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी। साथ ही पूरे मामले की 5 सदस्यीय कमेटी जांच करेगी।
केमिकल यूनिट में गैस रिसाव की आपदा से प्रभावित हुए लोगों में बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं। इस हादसे में करीब 150 बच्चों को इलाज चल रहा है और उनमें से ज्यादातर पर इलाज का असर हो रहा है। डॉक्टरों ने इस बात की जानकारी दी।
अधिकारियों ने गैस को बेअसर कर रिसाव के प्रभाव को नियंत्रित करने में कामयाबी पाई है, लेकिन विशाखापट्टनम में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। मृतकों में एक आठ वर्षीय लड़की और दो वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। अस्पताल के अधिकारी अस्पताल में मौजूद एक बच्ची के माता-पिता की तलाश कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश के डीजीपी गौतम सवांग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वर्तमान में 246 लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि गंभीर हालत वाले 20 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।
उन्होंने कहा, "अन्य अस्पतालों की रिपोर्ट्स से भी संकेत मिल रहे हैं कि भर्ती लोगों की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। पानी स्टाइलरीन (गैस) के लिए एक एंटीडोट्स है और इसलिए गैस को बेअसर करने के लिए हवा में पानी का छिड़काव किया गया है।"
डीजीपी सवांग ने कहा, "पूरे वेंकटपुरम गांव को खाली कराया गया। यहां से करीब 700 लोगों को निकाला गया। करीब 800 लोग अस्पताल में भर्ती हुए। हालांकि, उनमें से अधिकांश को छुट्टी दे दी गई है और अब लगभग 240 लोग ही वहां हैं।"
उन्होंने कहा, "घटना के कारणों की जांच चल रही है। फोरेंसिक टीम इस पर काम कर रही है।"
इस बीच विशाखापट्टनम के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन लोगों ने बताया कि गुरुवार तड़के लगभग 2.30 बजे जब गैस रिसाव शुरू हुआ, उस वक्त वे गहरी नींद में थे, और उन्होंने मृत्यु समान कष्ट महसूस किया।
केजी अस्पताल में भर्ती एक महिला ने कहा, "हमें एक अजीब गंध आई। क्या मैं जिंदा हूं या मर गई, यह एक बहुत ही असली एहसास था। मैंने लोगों और जानवरों को जमीन पर पड़ा देखा। मुझे नहीं पता कि मैं अस्पताल कैसे पहुंची।"
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने अमरावती में अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की। इसके बाद वह विशाखापट्टनम में चल रहे बचाव कार्यों की देखरेख के लिए व्यक्तिगत रूप से रवाना हुए। विशाखापट्टनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए। सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के बाद लोगों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम के अधिकारियों ने कहा, "कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण बंद हुई रासायनिक इकाई को गुरुवार सुबह फिर से शुरू किया गया। कुछ समय बाद टैंकों में संग्रहीत गैस लीक होने लगी और तीन किलोमीटर के दायरे में फैल गई।" अधिकारियों के अनुसार, "स्टाइरीन और पेंटाइन गैसें संभवत: दुर्घटना का कारण बनीं।"
अधिकारियों ने कहा, "रिसाव को बंद कर दिया गया है। यह गैस तेजी से फैलती है और इसलिए अब मरने वालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना नहीं है।"
एलजी पॉलीमर भारत की पॉलीस्टाइन और एक्सपेंडेबल पॉलीस्टाइनिन की प्रमुख मैन्युफैक्च रर में से एक है। दक्षिण कोरियाई समूह एलजी केमिकल के हिस्से वाली मुंबई स्थित एलजी पॉलीमर इंडिया के पास विशाखापट्टनम स्थित संयंत्र का स्वामित्व है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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