सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- विकास दुबे इतना शातिर था तो जमानत कैसे मिली? एनकाउंटर पर भी उठाए सवाल
कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के बारे में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने इस बात पर हैरानी जताई कि विकास दुबे के खिलाफ ढेर सारे मामले दर्ज होने के बावजूद उसे जमानत पर रिहा कैसे कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को विकास दुबे एनकाउंटर मामले की सुनवाई शुरू हुई है। कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के बारे में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने इस बात पर हैरानी जताई कि विकास दुबे के खिलाफ ढेर सारे मामले दर्ज होने के बावजूद उसे जमानत पर रिहा कैसे कर दिया गया था। इस मामले की सुनवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए इसे सिस्टम की विफलता बताया है। CJI ने कहा कि 'हैदराबाद एनकाउंटर और विकास दुबे एनकाउंटर केस में एक बड़ा अंतर है। वे एक महिला के बलात्कारी और हत्यारे थे। ये (दुबे और सहयोगी) पुलिसकर्मियों के हत्यारे थे।' कोर्ट ने विकास दुबे पर संगीन अपराधों में नाम दर्ज होने के बाद भी जमानत दिए जाने को लेकर हैरानी भी जताई। इस मामले में कोर्ट ने SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली समिति से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। अब अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
हालांकि यूपी सरकार का पक्ष रख रहे तुषार मेहता ने मुठभेड़ को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ सही थी, वो पैरोल पर था, हिरासत से भागने की कोशिश की। तुषार मेहता की इस दलील के बाद सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि विकास दुबे के खिलाफ मुकदमे के बारे में बताएं। आपने अपने जवाब में कहा है कि तेलंगाना में हुई मुठभेड़ और इसमें अंतर है, लेकिन आप कानून के राज को लेकर ज़रूर सतर्क होंगे। आपने रिटायर्ड जज की अगुआई में जांच भी शुरू की है। प्रशांत भूषण ने भी पीयूसीएल की ओर से मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं।
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान ये भी कहा कि हैरानी की बात है इतने केस में शामिल शख्स बेल पर था और उसके बाद ये सब हुआ। कोर्ट ने इस पूरे मामले पर तफ्सील से रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि ये सिस्टम का फेल्योर दिखाता है। कोर्ट ने कहा कि इससे सिर्फ एक घटना दांव पर नहीं है, बल्कि पूरा सिस्टम दांव पर है। वहीं, यूपी सरकार जांच कमेटी के पुनर्गठन पर सहमत हो गई है।
बता दें कि यूपी सरकार ने मुठभेड़ की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज का न्यायिक आयोग बनाने की बात कही थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने इस पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने इसमें बदलाव की बात कही।
इसके अलावा संजय पारिख ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मीडिया में आए बयानों से भी साफ है कि मुठभेड़ स्वाभाविक नहीं थी। इस पर सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बयानों को भी देखा जाए। अगर उन्होंने कोई ऐसा बयान दिया है और उसके बाद कुछ हुआ है तो इस मामले को भी देखना चाहिए।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
- Supreme Court
- Uttar Pradesh Police
- Chief Justice Of India
- Chief Minister Yogi Adityanath
- Gangster Vikas Dubey
- Vikas Dubey Encounter