देखें वीडियोः फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था, अगर मोदी सरकार राफेल डील की जानकारी देना चाहे तो उन्हें आपत्ति नहीं
फ्रांस के राष्ट्रपति मैंक्रों ने इंडिया टुडे के संपादकीय निदेशक राज चेंगप्पा को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर भारत सरकार अपने यहां के विपक्ष और संसद को राफेल सौदे के कुछ विवरण बताना चाहे, तो इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी ने राफेल सौदे पर संसद को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है। लेकिन इसी बीच फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह स्पष्ट तौर पर कहते नजर आ रहे हैं कि अगर भारत की सरकार संसद में राफेल लड़ाकू विमान सौदे के विवरण की जानकारी देना चाहे तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
इस साल मार्च में अपने भारत दौरे से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इंडिया टुडे के संपादकीय निदेशक राज चेंगप्पा को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा था, “अगर भारत सरकार इस सौदे के कुछ विवरण विपक्ष और संसद के सामने जाहिर करना चाहती है, तो मैं इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप करने वाला नहीं हूं।” मैक्रों के इस इंटरव्यू का वीडियो क्लिप वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया है, जो इंडिया टुडे से जुड़े हुए हैं।
राष्ट्रपति मैक्रों के इस पुराने बयान ने शुक्रवार को फ्रांस के विदेश और यूरोप मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मोदी सरकार पर राहुल गांधी के आरोपों पर पूछे गए सवाल के जवाब में फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ने कहा, “भारत और फ्रांस के बीच 2008 में हुए समझौते में प्रावधान है कि दोनों देश किसी ऐसी सूचना को सार्वजनिक नहीं करेंगे जिससे रक्षा सौदे से संबंधित हथियार अथवा उपकरण की सुरक्षा और क्षमता पर असर पड़े। लिहाजा 23 सितंबर 2016 में दोनों देशों के बीच 36 राफेल जेट और उसके पुर्जों की खरीद की डील में 2008 का यह समझौता लागू होगा।”
राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी द्वारा विशेषाधिकार प्रस्ताव दिए जाने पर कांग्रेस ने भी मैक्रों के इस बयान का उल्लेख किया है। शुक्रवार की शाम को जारी एक बयान में कांग्रेस ने कहा, “8 मार्च, 2018 को, एक प्रमुख समाचार चैनल को दिए एक साक्षात्कार में, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि अगर मोदी सरकार कुछ विवरणों का खुलासा करना चाहती है, तो वह ऐसा कर सकती है। फिर आखिर मोदी सरकार सौदे की कीमत का खुलासा करने से क्यों इनकार कर रही है?”
केंद्रीय रक्षा मंत्री पर इस लड़ाकू विमान सौदे के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने अपने बयान में कहा, “18 नवंबर 2016 को लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष भामरे ने इस सौदे के तहत एक राफेल की कीमत लगभग 670 करोड़ बताई थी। लेकिन डेसॉल्ट एविएशन की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट से जाहिर होता है कि वास्तव में यह कीमत 1670 करोड़ रुपये है। फिर रक्षा मंत्री आज झूठ क्यों बोल रही हैं?"
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