उत्तराखंड: कांग्रेस का ‘केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा’ का दूसरा चरण शुरू, जोशी बोले- केदारबाबा का अनादर बहुत महंगा पड़ेगा

जोशी ने बताया कि शुक्रवार की सुबह केदारनाथ में जलाभिषेक एवं पूर्जा अर्चना के साथ ही इस यात्रा का समापन हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद केदारनाथ में तीर्थ-पुरोहितों से मुलाकात की जाएगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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पीटीआई (भाषा)

केदारनाथ मार्ग पर बादल फटने के कारण बीच में ही रोक दी गयी कांग्रेस की ‘केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा’ का दूसरा चरण बृहस्पतिवार को शुरू हुआ। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने बताया कि यह पद यात्रा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में रुद्रप्रयाग जिले के सीतापुर नामक उसी स्थान से शुरू हुई जहां दो अगस्त को उसे रोकना पड़ा था।

उन्होंने बताया कि इस मौके पर प्रदेश में पार्टी मामलों के सहप्रभारी सुरेंद्र शर्मा भी मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने इस दौरान बाबा केदार के जयकारे लगाए।

केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट द्वारा दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण की योजना के विरोध में कांग्रेस ने 24 जुलाई को हरिद्वार में हर की पैड़ी से यह यात्रा आरंभ की थी। हालांकि, केदारनाथ में 31 जुलाई को आई आपदा के कारण इसे बीच में ही रोकना पड़ा था। इस आयोजना का समापन केदारनाथ धाम में होना था।


इसी बीच, 26 अगस्त को केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में मंदिर की प्रतिकृत बनाने की योजना रद्द करने की घोषणा की। हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि योजना रद्द होने के बाद भी वह अपनी ‘केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा’ पूरा करेगी।

इस मौके पर भारी बारिश के बीच कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए माहरा ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाये, अब यह यात्रा नही रूकेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण की योजना के प्रति प्रदेश की बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के रूख से सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को ठेस पहुंची है और केदारबाबा का अनादर करना उन्हें बहुत मंहगा पड़ेगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रही है। माहरा ने आरोप लगाया कि विकास कार्य ठप पडे हैं, सड़कों की हालात दयनीय हैं लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

जोशी ने बताया कि शुक्रवार की सुबह केदारनाथ में जलाभिषेक एवं पूर्जा अर्चना के साथ ही इस यात्रा का समापन हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद केदारनाथ में तीर्थ-पुरोहितों से मुलाकात की जाएगी।

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