उत्तर प्रदेश: मुजफ्फरनगर में गुड़ के कोल्हू में जलकर दो मासूमों की मौत, प्रशासन ने दिए चांज के आदेश
मुज़फ्फरनगर में गुड़ कोल्हू में ईंधन झोंक कर परिवार की गुज़र बसर करने वाले गरीब मज़दूर परिवार पर मंगलवार को कयामत टूट गई। कोल्हू में लगी भयावह आग में झुलसकर दो मासूम बच्चे मारे गए।
मुज़फ्फरनगर में गुड़ कोल्हू में ईंधन झोंक कर परिवार की गुज़र बसर करने वाले गरीब मज़दूर परिवार पर मंगलवार को कयामत टूट गई। कोल्हू में लगी भयावह आग में झुलसकर दो मासूम बच्चे मारे गए। घण्टों की मशक्कत के बाद दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया गया, लेकिन दजो मासूम बच्चो की आग में झूलसकर मौत हो गई। मृतक बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मौके पर पहुंची जिलाधिकारी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं ।
मुज़फ्फरनगर ज़िला मुख्यालय से लगभग 30 km दूर जानसठ तहसील के गांव जटवाड़ा स्थित जावेद के गुड़ कोल्हू में प्रतिदिन की भाँति कोल्हू की भट्टी में गन्ने की खोई को ईंधन के रूप में झोंकने का कार्य जारी था, तभी अचानक खोई के ईंधन का बड़ा हिस्सा भट्टी के मुहाने के पास गिर गया। भट्टी की चिंगारी से खोई में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने प्रचण्ड रूप धारण कर लिया। जिसमें वहां खेल रहे पांच वर्षीय साहिल और तीन वर्षीय साहिबा आग की लपटों में घिर गए और उनकी मौत हो गई। मौके पर पहुंची ज़िला अधिकारी सेल्वा कुमारी (जे) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने घटना की जानकारी कर जांच के आदेश दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना ककरौली क्षेत्र के गाँव बेहड़ा सादात निवासी अख़्तर का परिवार जटवाड़ा में कोल्हू में ईंधन झोंकने का कार्य करता है पीड़ित परिवार ने कोल्हू संचालक पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाये हैं पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गयी है।
बता दें मुजफ्फरनगर में गुड़ कोल्हू लाखों लोगों को गाँव और शहर में रोजगार प्रदान करते हैं पुरानी तकनीक पर चलने वाले इस लघु उद्योगों में सुरक्षा का कोई प्रबन्ध तो दूर अहसास तक भी नहीं है बेरोजगारी से परेशान मजबूर ग्रामीण कड़ी मशक्कत कर जान जोखिम में डाल कर मज़दूरी करने को मजबूर हैं।
मुजफ्फरनगर जनपद गुड़ को लेकर दुनिया भर में मशहूर है और यहां एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी है। यहां संचालित हज़ारों गुड़ कोल्हुओं में प्रशासन को पानी के टैंकर सहित आग बुझाने वाले सिलेण्डर की कोई व्यवस्था नहीं होती है। घटना के दौरान एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कोल्हू की भट्टी में अचानक से बच्चे पहुँच गए। इसके बाद लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने की भरसक कोशिश की मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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