लखनऊ शूटआउट पर चौतरफा घिरी योगी सरकार, केजरीवाल ने पूछा, विवेक तिवारी तो हिंदू था, उसे क्यों मारा?
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विवेक तिवारी हत्याकांड को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार से और उम्मीद ही क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार में कई फर्जी एनकाउंटर किए जा रहे हैं।
लखनऊ शूटआउट के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार बुरी तरह घिर गई है। चारों तरफ राज्य की बीजेपी सरकार की कड़ी निंदा हो रही है। इसे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? बीजेपी के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं? अपनी आंखों से पर्दा हटाइए। बीजेपी हिंदुओं की हितैषी नहीं है। सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का कत्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे।”
वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूण है, यह घटना होगी ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता है। उन्होंने कहा, “आप उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार से और उम्मीद ही क्या कर सकते हैं। इस सरकार में कई फर्जी एनकाउंटर किए जा रहे हैं।” अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा भी मांगा।
इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस गोलीकांड को लेकर मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने पुलिस की वर्दी में गुंडों की फौज पाल रखी है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर विस्तार में शुक्रवार देर रात पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने ऐपल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की पुलिस और सरकार सवालों के घेरे में हैं।
उत्तर प्रदेश की पुलिस और योगी सरकार फर्जी मुठभेड़ को लेकर पहले से ही कठघरे में है। सुप्रीम कोर्ट भी यूपी सरकार से पुलिस एनकाउंटर को लेकर जवाब तलब कर चुका है। फर्जी एनकाउंटर की सुनवाई के लिए दाखिल एक याचिका के बाद यूपी पुलिस का ‘ऑपरेशन क्लीन’ चर्चा में आ था। एक रिपोर्ट के अनुसार, 16 महीने की योगी सरकार में 28 जून 2018 तक 2244 पुलिस एनकाउंटर हुए थे, जिनमें 59 अपराधी ढेर हुए, जबकि 4 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं। सबसे ज्यादा मुठभेड़ पश्चिम उत्तर प्रदेश में देखने को मिली। इनमें मेरठ में 720, आगरा में 601 और बरेली में 343 एनकाउंटर हुए। यानी 2244 एनकाउंटर में से 1664 एनकाउंटर पश्चिम उत्तर प्रदेश हुए।
सुप्रीम कोर्ट के अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी उत्तर प्रदेश के दो पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठा चुका है। इनमें ग्रेटर नोएडा का सुमित गुर्जर एनकाउंटर और नोएडा में दरोगा द्वारा फर्जी एनकाउंटर शामिल हैं।
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