डोनाल्ड ट्रंप पर हमले के दौरान लापरवाही हुई, यूएस सीक्रेट सर्विस ने स्वीकारी गलती
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप की सुरक्षा की देखरेख के लिए जिम्मेदार सीक्रेट सर्विस, लोकल पुलिस स्नाइपर को पास की छत को सुरक्षित करने का निर्देश देने में नाकाम रही।
13 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की नाकाम कोशिश में असफल रहने की बात यूएस सीक्रेट सर्विस ने स्वीकारी है। बता दें पेंसिल्वेनिया की रैली में हुए इस हमले में एक शख्स की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, एजेंसी की आंतरिक समीक्षा रिपोर्ट में शुक्रवार को सामने आया कि हमलावर ने घटना से कुछ घंटे पहले रैली स्थल के ऊपर ड्रोन उड़ाया था, लेकिन एजेंटों ने उस तकनीक का इस्तेमाल करने में लापरवाही बरती, जिससे हमलावर की पहचान हो सकती थी।
रिपोर्ट में हमले से पहले सीक्रेट सर्विस की एडवांस टीम के स्टेट और लोकल एजेंसियों के साथ कोआर्डिनेशन पर सवाल खड़े किए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप की सुरक्षा की देखरेख के लिए जिम्मेदार सीक्रेट सर्विस, लोकल पुलिस स्नाइपर को पास की छत को सुरक्षित करने का निर्देश देने में नाकाम रही।
ट्रंप पर हुए इस हमले के बाद एजेंसी की भूमिका को लेकर उपजे व्यापक आक्रोश के बीच सीक्रेट सर्विस के निदेशक किम्बर्ली चीटल ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इससे पहले कांग्रेस की सुनवाई में कई सांसदों ने उनसे पूछा था कि एजेंसी छत को सुरक्षित करने में क्यों विफल रही।
शुक्रवार को एक समाचार ब्रीफिंग में कार्यवाहक निदेशक रोनाल्ड रोवे ने ट्रंप की रैली के लिए सिक्योरिटी प्लानिंग में सीक्रेट सर्विस की ओर से 'स्पष्टता की कमी' का जिक्र किया।
रोवे ने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि हम 13 जुलाई की विफलताओं के लिए स्वयं को जिम्मेदार ठहराएं और इससे सीखे गए सबक का इस्तेमाल इस तरह करें कि हम दोबारा विफल न हो।"
इस घटना के दो महीने बाद रविवार को फ्लोरिडा के गोल्फ कोर्स में ट्रंप को ऐसी परिस्थितियों का सामना दोबारा करना पड़ा। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति पर हमले के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया। यह तब हुआ जब सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने झाड़ियों में एक राइफल की नली देखी। हालांकि ट्रंप को इस घटना में कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
दूसरे हत्या के प्रयास के कुछ ही दिनों बाद, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक विधेयक को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों और उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के लिए सीक्रेट सर्विस प्रोटेक्शन को बढ़ाना है।
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