यूपी: सीएम योगी के बारे में सूचना देने से सरकार ने किया इंकार, शिक्षा समेत 8 बिंदुओं पर मांगी गई थी जानकारी
संजय शर्मा ने 5 मई, 2017 को मुख्यमंत्री के कार्यालय में एक आरटीआई अर्जी देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कक्षा-8 से आगे की शैक्षिक योग्यताओं के प्रमाणों समेत 8 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने मुख्यमंत्री की शैक्षिक योग्यताओं और उनके लखनऊ स्थित आधिकारिक आवास से संबंधित सूचनाओं को ‘सूचना के अधिकार’ के तहत देने से इनकार कर दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा की ओर से दायर की गई आरटीआई पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुभाग अधिकारी और जन सूचना अधिकारी बसंत कुमार तिवारी के एक जवाब से पर्दाफाश हुआ है।
संजय शर्मा ने 5 मई,2017 को मुख्यमंत्री के कार्यालय में एक आरटीआई अर्जी देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कक्षा-8 से आगे की शैक्षिक योग्यताओं के प्रमाणों, योगी के शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री आवास में कराये गए रेनोवेशन वर्क की संस्तुतियों सहित खर्चें, बिजली बिल और नगर निगम लखनऊ के बकाया टैक्स की धनराशि समेत 8 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी।
इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय के जनसूचना अधिकारी बसंत कुमार तिवारी ने 13 फरवरी,2018 को संजय शर्मा को एक पत्र भेजा है, जिसमें प्रशासनिक सुधार अनुभाग-2 की अधिसूचना 3 दिसंबर 2015 की धारा 4(5) की व्यवस्था का जिक्र करते हुए मांगी गई सूचना दो से अधिक लोक प्राधिकरणों गोपन विभाग, राज्य संपत्ति विभाग ,ऊर्जा विभाग और नगर विकास विभाग द्वारा धारित होने की बात कही है और सूचना देने से मना कर दिया है।
आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा का कहना है कि जन सूचना अधिकारी ने गलत आधार लेकर सूचना देने से मना किया है। संजय शर्मा ने कहा उनके द्वारा मांगी गई सूचनाएं मुख्यमंत्री और उनके आवास के आधिकारिक क्रियाकलापों से संबंधित हैं। इसलिए ऐसा माना ही नहीं जा सकता कि किसी सूबे के मुख्यमंत्री कार्यालय को अपने हालिया मुख्यमंत्री की शैक्षिक योग्यताओं, मुख्यमंत्री आवास में कराए गए रेनोवेशन वर्क, बिजली बिल और नगर निगम लखनऊ के बकाया टैक्स की जानकारी ही नहीं हो।
उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार कानून की धारा 4(1)(इ) के तहत यह सभी सूचनाएं मुख्यमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वह इस मामले में अपनी आपत्ति जताते हुए एक अपील राज्य सूचना आयोग में डाली है जो आने वाले 5 मार्च को मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी द्वारा सुनी जाएगी।
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