योगी ने बजरंग बली को बताया दलित, गुस्साए ब्राह्मणों ने थमा दिया नोटिस, कहा माफी मांगे, नहीं तो मुकदमा
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हनुमान को दलित बताकर फंसते दिखाई दे रहे हैं। योगी आदित्यनाथ के बयान पर राजस्थान ब्राह्मण महासभा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कानूनी नोटिस भेजा है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इन दिनों राजस्थान में चल रहे सियासी समर में कूदे हुए हैं, जहां वे अपने बयानबाजी को लेकर विवादों में आ गए हैं। राम भक्त हनुमान को दलित और वंचित बताने पर सीएम योगी को सर्व ब्राह्मण महासभा ने नोटिस भेजकर चेतावनी दी है कि इस मामले में माफी नहीं मांगी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सर्व ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा है कि बजरंगबली की पूजा पूरे विश्व भर में होती है, उनके प्रति पूरे हिंदू समाज की गहरी आस्था है। ऐसे में उन्हें दलित बताकर जातिगत सियासत का कार्ड खेलना बेहद शर्मनाक है। इससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। पंडित सुरेश मिश्रा ने योगी आदित्यनाथ से इस मामले में माफी मांगने को कहा है, साथ ही कहा है कि अगर 3 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगी जाती है तो फिर वह कानूनी कदम उठाएंगे।
योगी आदित्यनाथ के बजरंगबली को दलित और वनवासी कहने पर कांग्रेस नेताओं ने भी कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि बीजेपी अभी तक इंसान को बांटने का काम कर रही थी, लेकिन अब यह भगवान को भी जाति में बांट रहे हैं। उन्होंनें आगे कहा इससे साफ पता चलता है कि बीजेपी वैचारिक स्तर किस हद तक गिर चुकी है।
गौरतलब है कि अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया था। उन्होंने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं।
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