लोकसभा-विधानसभा उपचुनावः एकजुट विपक्ष ने बीजेपी को किया चित

उपचुनाव के नतीजों में एकजुट विपक्ष ने बीजेपी को चित कर अपना दम-खम दिखा दिया है। यूपी की कैराना और महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर बीजेपी को जहां हार का सामना करना पड़ा, वहीं 10 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को सिर्फ एक सीट पर ही जीत नसीब हुई।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अगले साल देश में होने वाले आम चुनाव से पहले, ताजा उपचुनावों के नतीजों में एकजुट विपक्ष ने बीजेपी को चित कर अपना दम दिखा दिया है। 31 मई को देश के कई राज्यों से आए नतीजों ने स्पष्ट संकेत दिया है कि जनता 'न्यू इंडिया' नहीं, सर्वधर्म समभाव वाला भारत चाहती है। बीजेपी को उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण मानी जा रही कैराना और महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, उसे महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर जीत मिली है। देश के 10 राज्यों की 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में बीजेपी को सीधे तौर पर सिर्फ एक सीट पर ही जीत नसीब हुई।

बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर मिसा, जहां विपक्ष की साझा उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने पूर्व बीजेपी सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को भारी मतों के अंतर से हराया। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए उपचुनावों में बीजेपी गोरखपुर, फूलपुर के बाद कैराना लोकसभा सीट भी गंवा बैठी। यहां चौधरी अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने बीजेपी की मृगांका सिंह को 55,000 से अधिक मतों से पराजित किया। यहां कांग्रेस, एसपी और बीएसपी ने आरएलडी को समर्थन दिया था। बीजेपी को उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा सीट के साथ-साथ नुरपूर विधानसभा सीट पर भी हार का स्वाद चखना पड़ा। यहां समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नईमुल हसन ने बीजेपी प्रत्याशी अवनि सिंह को 6200 मतों से हराया।

महाराष्ट्र की बात करें तो भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार हेमंत पटले को हार का सामना करना पड़ा। यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मधुकरराव कुकड़े ने बीजेपी को पटकनी देकर जीत हासिल की। कुकड़े को कांग्रेस का समर्थन हासिल था और उन्होंने लगभग 45,000 मतों से पटले को हराया। हालांकि, राज्य की पालघर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में बीजेपी को जीत मिली है। यहां राजेंद्र गावित ने शिवसेना के श्रीनिवास वांगा को हरा दिया। वहीं, नगालैंड लोकसभा सीट पर बीजेपी की सहयोगी सत्तारूढ़ नगालैंड डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) को जीत मिली है। एनडीपीपी के उम्मीदवार ने नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के उम्मीदवार को हराया।

वहीं, विधानसभा की 10 सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को केवल उत्तराखंड में एक सीट पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस को पंजाब के सियालकोट, कर्नाटक के आर आर नगर और मेघालय के अंपाति में जीत मिली। मेघालय में इस जीत के बाद कांग्रेस इस पूर्वोत्तर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। यहां सरकार हालांकि दो सीटों वाली बीजेपी की है। पश्चिम बंगाल के महेश्तली में तृणमूल कांग्रेस, जबकि केरल के चेनागन्नुर में माकपा के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। वहीं, बिहार की बात करें तो भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सजा पाए लालू यादव की राष्ट्रीय आरजेडी ने सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी के संयुक्त उम्मीदवार को हराकर बिहार की जोकीहाट सीट पर जीत हासिल की। यह सीट दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था। वहीं झारखंड की सिल्ली और गोमिया विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने जीत दर्ज की है। हालांकि, राज्य में सरकार बीजेपी की है।

उपचुनाव नतीजों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर सभी विजेताओं को बधाई दी है। राहुल गांधी ने कहा, “इन उपचुनावों में मिली जीत और हार से सभी दलों को बहुमूल्य सबक सीखना चाहिए। मैं इन चुनावों में पूरी लगन से मेहनत करने वाले कांग्रेस के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं।”

आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने उम्मीद जताई कि संगठित विपक्ष बीजेपी को हराने का सिलसिला अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव में भी बनाए रखेगा। उन्होंने कहा, “मैं आश्वस्त हूं कि आरएलडी विपक्षी एकता और गठबंधन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। जो भी गठबंधन होगा, हम सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।”

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कैराना और नूरपुर उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए सभी विजेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा, “कैराना और नूरपुर की जनता, कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों व सभी एकजुट दलों को जीत की हार्दिक बधाई।कैराना में सत्ताधारियों की हार उनकी अपनी ही प्रयोगशाला में, देश को बांटने वाली उनकी राजनीति की हार है। ये एकता-अमन में विश्वास करने वाली जनता की जीत और अहंकारी सत्ता के अंत की शुरूआत है।”

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा कि यह हार नीतीश कुमार के लिए एक सबक है, जिन्होंने महागठबंधन का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है। उन्होंने कहा, “बीजेपी के विरुद्ध सभी विपक्षी पार्टियों के एक साथ आने पर मैं धन्यवाद कहना चाहता हूं। यह हार बताती है कि नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को धोखा दिया था और लोगों ने इसका जवाब दिया है। बिहार के लोग नीतीश कुमार द्वारा पलटी मारने का बदला ले रहे हैं।"

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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Published: 31 May 2018, 10:27 PM