हंगामे के बीच तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश, विपक्ष ने की बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग
लोकसभा से पास होने के बाद तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश हो गया है। सदन में बिल पेश होने के बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की।
राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच तीन तलाक बिल पेश हो गया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में बिल को पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिल के लोकसभा से पास होने के बाद भी तीन तलाक का प्रचलन थम नहीं रहा है। उन्होंने यूपी के मुरादाबाद में सामने आए तीन तलाक के मामले का सदन में जिक्र किया। कानून मंत्री ने कहा कि मुरादाबाद में दहेज को लेकर एक महिला को तीन तलाक दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को अपराध माना है। रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया था, उसे राज्यसभा में भी बिल का समर्थन करना चाहिए।
सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने तीन तलाक बिल को लेकर राज्यसभा में संशोधन का नोटिस दिया और कहा कि बिल को प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए। बिल के मसौदे को लेकर कांग्रेस के कुछ सवाल हैं और वह इसमें कुछ संशोधन चाहती है।
तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में कांग्रेस के नोटिस देने का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह बिल लोकसभा से आया है। ऐसे में संशोधन के लिए एक दिन पहले कांग्रेस को नोटिस देना चाहिए था।
राज्यसभा में बिल पास कराने के सरकार की अपील के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा। सदन में जोरदार हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही 4 जनवरी, 2018 सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
28 दिसंबर, 2017 को तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हुआ था। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2017 तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है, और इसमें तीन तलाक देने वाले के खिलाफ तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। यह बिल मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण और बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है।
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