गुजरात बीजेपी संकट: रूठे डिप्टी सीएम को मनाने के लिए ‘डिनर डिप्लोमेसी’, सोमवार को दे सकते हैं मुख्यमंत्री बयान
गुजरात में बीजेपी का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। रूठे नितिन पटेल को मनाने के लिए डिनर डिप्लोमेसी का सहारा लेते हुए गुजरात के मंत्रियों की बैठक हुई, जिसमें हल निकालने पर माथा-पच्ची की गई।
गुजरात के रूठे डिप्टी सीएम को मनाने के लिए डिनर डिप्लोमेसी का सहारा लिया जा रहा है। शनिवार रात गुजरात सरकार के मंत्रियों की बैठक में नितिन पटेल को मनाने की रणनीति पर माथा-पच्ची हुई। सूत्रों का कहना है कि शायद उन्हें वित्त मंत्रालय दिया जा सकता है। हालांकि शनिवार को दिन में खबर आई थी कि नितिन पटेल को शहरी विकास मंत्रालय देकर मना लिया जाएगा।
गौरतलब है कि 28 दिसंबर को विभागों का बंटवारा होने के बाद से ही डिप्टी सीएम बेहद नाराज हैं और उन्होंने अपने मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभाला। इतना ही नहीं उन्होंने शनिवार शाम पत्रकारों से बातचीत में साफ भी कर दिया कि यह सिर्फ मनमाफिक मंत्रालय का मामला नहीं, बल्कि आत्मसम्मान की बात है। उन्होंने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को 3 दिन का अल्टीमेटम तक दे दिया था।
बात हाथ से निकलते देख केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को इसका हल निकालने के निर्देश दिए, जिसके तहत शनिवार रात बीजेपी विधायक बाबू जमना के बंगले पर गुजरात के मंत्रियों की बैठक हुई। इस ‘डिनर डिप्लोमेसी’ में नितिन पटेल को उनका मनमाफिक वित्त मंत्रालय देने पर बात हुई और सूत्रों का कहना है कि इस पर लगभग सहमति बन गई है और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी इस बारे में सोमवार को एलान कर सकते हैं। ‘डिनर डिप्लोमेसी’ की इस बैठक में बीजेपी आलाकमान की तरफ से शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र चूडासमा, राजस्व मंत्री कौशिक पटेल और गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद चूडासमा ने कहा कि यह बैठक कामयाब रही है और मामले का हल दो दिन में हो जाएगा। मंत्रियों की इस बैठक से पहले नितिन पटेल भी शाम के समय दसक्रोई के बीजेपी विधायक बाबू जमना पटेल के निवास गए थे और वहां करीब 45 मिनट के बाद चले गए।
इससे पहले शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सारंगपुर में कहा था कि, ''अगर डिप्टी सीएम नितिन पटेल 10 विधायकों के साथ बीजेपी छोड़ने को तैयार हैं तो कांग्रेस में उन्हें अच्छा पद देने के लिए बात करेंगे। बीजेपी उनका सम्मान नहीं कर रही है तो पार्टी छोड़ देनी चाहिए।''
हार्दिक की पेशकश के कुछ घंटे बाद ही तीन दिन की चुप्पी तोड़ते हुए नितिन पटेल ने कहा कि उन्हें हार्दिक या किसी अन्य से मिलने में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि मन की बात आलाकमान के सामने रख दी है। उम्मीद है कि भावनाओं का सम्मान होगा।
हालांकि, पार्टी छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि, “40 साल से बीजेपी के लिए मेहनत कर रहा हूं। इसे छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। जो हुआ है वह मान-सम्मान से जुड़ी बात है न कि किसी विभाग से।” उन्होंने दूसरे विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने की चर्चाओं को अफवाह करार दिया। साथ ही कहा कि वह किसी बंद या प्रदर्शन का समर्थन नहीं करते।
पटेल की नाराजगी को लेकर गुरुवार रात से उठा विवाद शनिवार को चरम पर पहुंच गया था।। नितिन को पेशकश देने से लेकर मनाने तक का घटनाक्रम शनिवार रात तक चलता रहा। नितिन पटेल नाराजगी के बीच दिन भर अपने निजी आवास में समर्थकों से मुलाकात करते रहे।
इसके अलावा नितिन पटेल से दिनभर पाटीदार नेता भी मिलते रहे। पूर्व मंत्री नरोत्तम पटेल ने उनसे मिलने के बाद कहा कि पार्टी आलाकमान को नुकसान से बचने के लिए उन्हें जल्द से जल्द मना लेना चाहिए। ‘पास’ छोड़कर बीजेपी में आए केतन पटेल ने कहा कि नितिन पटेल की नाराजगी जायज है और इससे पहले कि कांग्रेस और ‘पास’ के ऐसे लोग जो राज्य में अशांति फैलाना चाहते हैं, इसका फायदा उठा लें, बीजेपी आलाकमान को - मामले को संभाल लेना चाहिए। उनसे पहले वजु परसाणा, किरीट पटेल, पूर्वीन पटेल समेत कई पाटीदार नेताओं ने मुलाकात की।
इस बीच पार्टी से वफादारी की राग अलापते हुए अपने मन की बात कहने वाले बीजेपी विधायक भी सामने आए हैं। इनमें से एक वडोदरा के मांजलपुर के विधायक योगेश पटेल भी हैं। उन्होंने नितिन पटेल की नाराजगी को गलत बताया और कहा कि वह खुद सात बार से विधायक हैं पर उन्हें कोई पद नहीं मिला।
इस बीच नितिन पटेल के समर्थकों ने कहा है कि नितिन पटेल को गुजरात का आडवाणी नहीं बनने देंगे। सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल ने नितिन पटेल को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठा दी है। उन्होंने कहा कि आनंदीबेन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाना था, लेकिन ऐन वक्त पर उलटफेर हो गया। नितिन के साथ नाइंसाफी हुई।
रोचक है कि इस पूरे मामले पर अभी तक मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। कहा जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान ने सभी नेताओं को इस मुद्दे पर मीडिया से बात न करने का निर्देश दिया है। शनिवार सुबह एक फ्लॉवर शो का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने नितिन पटेल की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर जबाव दिया था कि जो भी सवाल पूछना हो तो सिर्फ फ्लॉवर शो के बारे में ही पूछिए।
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