जो किसानों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते, महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे सकते उन्हें सत्ता नहीं दी जानी चाहिए: शरद पवार
शरद पवार ने कहा कि आज जो लोग सत्ता में हैं, वे किसानों की समस्याओं को हल करने में विफल रहे हैं और विदर्भ में किसानों द्वारा आत्महत्या करने का आंकड़ा बहुत बड़ा है।
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह किसानों के हितों की रक्षा, महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार उपलब्ध कराने में विफल रही है तथा उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे उन्हें सत्ता से उखाड़ कर फेंक दें।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और उन पर एक विशेष राज्य के हित में काम करने का आरोप लगाया। पवार यहां एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नागपुर पूर्व से उम्मीदवार दुनेश्वर पेठे के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं।
उन्होंने कहा, “नागपुर का कांग्रेस और उसकी विचारधारा के साथ गहरा रिश्ता है, जहां वसंतराव नाइक और सुधाकरराव नाइक जैसे विदर्भ के नेताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और राज्य को सशक्त बनाया।”
पवार ने कहा कि आज जो लोग सत्ता में हैं, वे किसानों की समस्याओं को हल करने में विफल रहे हैं और विदर्भ में किसानों द्वारा आत्महत्या करने का आंकड़ा बहुत बड़ा है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को आत्महत्या का रास्ता इसलिए अपनाना पड़ा क्योंकि सरकार ने उनके मुद्दों को हल नहीं किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले लोगों के जीवन स्तर पर एक रिपोर्ट सामने आई थी।
पवार ने कहा, “एक समय था जब जीवन स्तर के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले स्थान पर था। हालांकि, बीजेपी के सत्ता में आने के बाद यह छठे स्थान पर खिसक गया।”
महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में नागपुर और आसपास के इलाकों से लड़कियों सहित लगभग 630 महिलाएं लापता हो गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और वह इस जिम्मेदारी को निभाने में विफल रही है।”
पवार ने कहा, “सत्ता में बैठे वे नेता जो किसानों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते, महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे सकते और युवाओं को रोजगार नहीं दे सकते, उन्हें दोबारा सत्ता नहीं दी जानी चाहिए। लोगों को इन लोगों से सत्ता छीनने का फैसला करना होगा।”
उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेताओं से विदर्भ के औद्योगिक विकास की उम्मीद की जाती थी। उनके अनुसार, जब कांग्रेस और उसके सहयोगी दल सत्ता में थे, तो उन्होंने बुटीबोरी और नागपुर के अन्य इलाकों में उद्योग लगाए।
उन्होंने कहा, “लेकिन आज हम देख सकते हैं कि विदर्भ में कोई भी उद्योग नहीं आ रहा है और यदि आ भी रहा है तो उसे राज्य से बाहर स्थानांतरित कर दिया जा रहा है।” उन्होंने वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर संयंत्र का उदाहरण दिया जिसे महाराष्ट्र से गुजरात स्थानांतरित कर दिया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया,‘‘ फॉक्सकॉन को महाराष्ट्र में अपना संयंत्र लगाना था और उसमें हजारों नौकरियां पैदा करने की क्षमता थी। लेकिन इसे गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया। केंद्र ने फॉक्सकॉन के प्रबंधन को गुजरात में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया। इसी तरह, एयरबस और बोइंग कंपनियों को नागपुर में अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित करनी थीं, लेकिन उन्हें भी गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया।
पवार ने कहा, “आज देश के प्रधानमंत्री ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करते हैं। मुझे उनसे शिकायत है कि प्रधानमंत्री देश का मुखिया होता है और अगर प्रधानमंत्री किसी खास राज्य का पक्ष लेने लगे तो आप और हम उनसे सवाल कर सकते हैं कि उन्हें पद पर बने रहने का क्या अधिकार है।”
उन्होंने कहा, “हमें तस्वीर बदलने की जरूरत है और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने, कृषि में सुधार लाने तथा महिलाओं की सुरक्षा करने की जरूरत है और यह काम वे लोग नहीं कर सकते जो सत्ता में हैं। इसलिए हमें उनके हाथों से सत्ता छीनने की जरूरत है। आपको और हमें यह काम करना होगा और आगामी विधानसभा चुनाव इस परिदृश्य को बदलने के लिए महत्वपूर्ण हैं।”
उन्होंने कहा कि लोगों को विकल्प प्रदान करने के लिए कांग्रेस, एनसीपी (शरदचंद्र पवार), शिवसेना (यूबीटी), माकपा, समाजवादी पार्टी और अन्य महा विकास आघाडी (एमवीए) सहयोगी एक साथ आए हैं।
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