‘‘मोदी वाशिंग पाउडर भ्रष्टाचार के सभी दागों को धोने में प्रभावी, चुटकियों में धुल जाते हैं सारे दाग", यकीन नहीं...?

पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री के 2014 के चुनावी बयान के लिए उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘‘"ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा, अगर बीजेपी में आओ, तो मामला रफा-दफा कर दूंगा।’’

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने शनिवार को अपने संवाददाता सम्मेलन के मंच पर वाशिंग मशीन दिखाते हुए एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ 2017 के भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किए जाने को लेकर बीजेपी पर तंज कसा और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की ‘‘पूरी तरह से स्वचालित वाशिंग मशीन" इस सिद्धांत पर काम करती है कि "बीजेपी में शामिल होने पर मामला बंद" कर दिया जाएगा।

विपक्षी नेता अकसर आरोप लगाते रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने वाले या इसके साथ गठबंधन करने वाले नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले बंद कर दिए जाते हैं।पार्टी ने चेतावनी दी कि वह एजेंसियों के ऐसे "प्रत्येक अधिकारी को देखेगी" जो स्वेच्छा से लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने वाला पक्ष बन रहे हैं।

शनिवार को एआईसीसी मुख्यालय में कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा का संवाददता सम्मेलन पूरी तरह से प्रतीकात्मक था, जिसमें मेज पर "बीजेपी वॉशिंग मशीन" रखी हुई थी और "भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, घोटाला" लिखी "गंदी टी-शर्ट" का भी प्रदर्शन किया गया, जो मशीन के अंदर जाती और फिर ‘‘बीजेपी मोदी वाश’’ लिखी एक साफ-सुथरी टी शर्ट बाहर आती दिखती।

खेड़ा ने आरोप लगाया कि "बीजेपी मशीन की कीमत 8,500 करोड़ रुपये से अधिक है" जो सत्ताधारी पार्टी को चुनावी बांड के माध्यम से मिला पैसा है और यह ‘‘मोदी वाशिंग पाउडर'' के साथ भ्रष्टाचार के सभी प्रकार के दागों को साफ करने में प्रभावी है।

संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री की तस्वीर और टैगलाइन "सारे दाग चुटकियों में धुले" के साथ "मोदी वाशिंग पाउडर" पर एक पुस्तिका भी वितरित की गई।


खेड़ा ने कहा कि पटेल द्वारा एनसीपी को तोड़कर महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन में शामिल होने के महीनों बाद, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के 2017 के एक प्रकरण में मामला बंद करने की रिपोर्ट दायर की, जिसका उल्लेख बीजेपी ने 2014 में जारी अपने "आरोपपत्र" में किया था।

बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपीए सरकार के खिलाफ "आरोपपत्र" में इसे "एअर इंडिया घोटाला" बताया था। खेड़ा ने कहा कि बीजेपी ने कहा था कि "पूरा घोटाला लगभग 25,000 करोड़ रुपये से 30,000 करोड़ रुपये का है"।

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 2006 में पटेल ने निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के वास्ते एअर इंडिया को कई विमान पांच साल के लिए पट्टे पर देने के लिए यूपीए सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इतना ही नहीं, 2019 में, बीजेपी ने पटेल के खिलाफ "कुछ गंभीर आरोप" लगाए और दावा किया कि "वह 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के आरोपी इकबाल मिर्ची के साथ एक संपत्ति सौदे में शामिल थे"।

खेड़ा ने कहा, "बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस से पटेल और वैश्विक आतंकवादी घोषित भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी मिर्ची के बीच भूमि सौदे के आरोप पर सफाई देने को कहा। हम पूछते हैं कि उस हास्यास्पद आरोप का क्या हुआ।" अब?"

उन्होंने दावा किया कि कम से कम 21 प्रमुख नेता ऐसे हैं जिनके खिलाफ बीजेपी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें ‘‘पाक साफ’’ घोषित कर दिया गया है।

खेड़ा ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, नारायण राणे, अजित पवार, छगन भुजबल और अशोक चव्हाण के नामों का हवाला देते हुए कहा कि ये उन लोगों में से हैं जिनके खिलाफ बीजेपी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन जब वे बीजेपी में शामिल हो गए तो उसने इसके बारे में बात करना बंद कर दिया।


खेड़ा ने कहा, "क्या प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस-यूपीए का हिस्सा रहे कई अन्य लोगों के बारे में बीजेपी की 2014 की भाजपा सच है? या यह केवल कीचड़ उछालने के लिए थी? या विरोधियों को बीजेपी का समर्थन करने के लिए मजबूर करने के वास्ते थी। कौन सा परिदृश्य मोदी-शाह के लिए सच है?"

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' के बारे में बात की थी और अपनी ही सरकार के पापों के लिए कांग्रेस पार्टी की आलोचना की थी। क्या प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह अब खुले तौर पर कह सकते हैं कि वे प्रतिबद्ध संस्थाएं चाहते हैं।’’

खेड़ा ने प्रधानमंत्री के 2014 के चुनावी बयान के लिए उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘‘"ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा, अगर बीजेपी में आओ, तो मामला रफा-दफा कर दूंगा।’’

खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि ये सभी "तथाकथित घोटाले" फर्जी थे जिनके बारे में बीजेपी ने बात की थी।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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