दिल्ली में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून को लागू किए जाने की स्थिति चिंताजनक, महिला आयोग ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी

दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली सरकार को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें सवाल उठाते हुए कहा कि राजधानी में कार्यस्थल पर हो रहे यौन उत्पीड़न से बचने के लिए बनाए गए कानून (रोकथाम, निषेध और निवारण) का सुचारु रुप से पालन नहीं किया जा रहा है।

फोटो: IANS
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आईएएनएस

दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली सरकार को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें सवाल उठाते हुए कहा कि राजधानी में कार्यस्थल पर हो रहे यौन उत्पीड़न से बचने के लिए बनाए गए कानून (रोकथाम, निषेध और निवारण) का सुचारु रुप से पालन नहीं किया जा रहा है।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, 'कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न करना एक संगीन अपराध है जिसे गंभीरता से निपटना चहिए एवं ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। यह बताते हुए दुख हो रहा है कि राजधानी में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून को लागू किए जाने की स्थिति चिंताजनक है।

हमने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है और इस पर जल्दी कार्रवाई करने का सुझाव दिया है। स्थानीय शिकायत समितियों को स्वतंत्र और फुतीर्ले तरीके से काम करना चाहिए साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चहिए कि एलसीसी सुचारु रुप से काम करे और इनको ऑफिस, कर्मचारी, बजट भी पर्याप्त रुप से आवंटित हो।

उन्होंने आगे कहा, सरकार को कार्यस्थल कानून और स्थानीय शिकायत समितियों पर यौन उत्पीड़न के प्रावधानों का पर्याप्त मात्रा में प्रचार करना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि इस मामले में सरकार कार्रवाई करेगी तथा इस पर रिपोर्ट हमें 20 दिनों में सौंपेगी।


इसके साथ ही आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि पंजीकृत शिकायतों की कम संख्या और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के अन्य प्रावधानों के बारे में जनजागरूकता की कमी के कारण भी हो सकती है। आयोग ने सिफारिश की है कि राज्य सरकार को यौन उत्पीड़न और अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जनता को प्रचार प्रसार के विभिन्न माध्यमों से जागरूक करना चाहिए।

इस कानून के अन्तर्गत हर जिले में लोकल कंप्लेंट कमेटी (एलसीसी) का गठन करना अनिवार्य है जहां उन संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों का निवारण किया जाता है, जहां दस से कम कर्मचारी काम करते हैं और मालिक ने ही यौन उत्पीड़न किया हो। दिल्ली में स्थानीय शिकायत समितियों (एलसीसी) की स्थिति का पता लगाने के लिए आयोग द्वारा दिल्ली के सभी जिलाधिकारियों को नोटिस जारी कर अपने जिले के संबंध में विशेष जानकारी मांगी गई थी।

आयोग के मुताबिक, मांगी गयी जानकारी से यह निकलकर आया कि पिछले 3 वर्षों, 2019 से 2021 में स्थानीय शिकायत समिति को सिर्फ 40 शिकायतें ही प्राप्त हुयी हैं। जैसे कि साउथ वेस्ट जिले में पिछले 3 वर्षों में सिर्फ 3 शिकायतों का ही निवारण किया गया, वेस्ट जिले में तो एक भी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई है।

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