चुनाव आयोग ने वापस लिया 65 साल से ऊपर वालों को पोस्टल बैलेट सुविधा का आदेश, विपक्षी दलों ने किया था कड़ा विरोध

भारतीय निर्वाचन आयोग ने बीते दिनों जारी अपने उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें 65 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से वोट देने की सुविधा देने का ऐलान किया गया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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आईएएनएस

भारतीय निर्वाचन आयोग ने बीते दिनों जारी अपने उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें 65 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से वोट देने की सुविधा देने का ऐलान किया गया था। चुनाव आयोग ने गुरुवार को जारी सूचना में कहा है कि आगामी बिहार विधानसभा और अन्य उपचुनावों में 65 वर्ष से अधिक के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट सुविधा न देने का फैसला किया गया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि कोरोना वायरस को देखते हुए 65 वर्ष से अधिक के लोगों को वोट डालने के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा देने की सिफारिश हुई थी। ताकि वे बगैर किसी के संपर्क में आए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। आयोग की सिफारिश पर विधि एवं न्याय मंत्रालय ने 19 जून को नियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी थी। लेकिन इस नियम को लागू नहीं किया जाएगा।

आयोग ने तर्क देते हुए कहा है कि इन नियमों को लागू करने से पहले आयोग जमीनी हालात से लगातार रूबरू हो रहा है। कोरोना वायरस से उपजे इस अप्रत्याशित माहौल में चुनाव तैयारियों की लगातार आयोग निगरानी कर रहा है। कमीशन ने हर पोलिंग सेंटर पर एक हजार वोटर्स की संख्या सीमित कर दी है। मतदाताओं को कोरोना से बचाने के लिए अन्य तमाम उपाय किए जा रहे हैं। जिसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था हो रही है।


ऐसे में इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब 65 साल से ऊपर के लोगों को पोस्टल बैलेट की सुविधा न देने का फैसला किया गया है। हालांकि, पोस्टल बैलेट की सुविधा पहले की तरह 80 साल से ऊपर के लोगों को मिलेगी। इसके अलावा कोविड पॉजिटिव या फिर होम आइसोलेशन में रहने वाले पोस्टल बैलेट से वोट डाल सकेंगे। इसके लिए सक्षम अधिकारी से प्रमाणपत्र भी देना होगा।

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