कांग्रेस सरकार ने तो पूरे किए थे अपने सभी वादे, बीजेपी सरकार ने छत्तीसगढ़ में नहीं निभाया एक भी वचन
भूपेश बघेल ने पूछा कि पीएम मोदी की गारंटी का क्या हुआ? उन्होंने काला धन वापस लाने, 15 लाख रुपये अकाउंट में डालने और दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात की थी, उनकी गारंटियों का क्या हुआ?
देशभर में शनिवार को गोवर्धन पूजा मनाई गई। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने देशवासियों को गोवर्धन पूजा की बधाई दी।
कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा,"पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी आज गोवर्धन पूजा को धूमधाम के साथ मनाया गया। छत्तीसगढ़ में हर साल गोपालक गायों को सोहई बांधते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और खिचड़ी भी खिलाते हैं। इस परंपरा का निर्वहन आज मैंने रायपुर में किया है। पांच साल तक जब मैं मुख्यमंत्री था तो उस समय इसका आयोजन सीएम आवास में किया जाता था।"
भूपेश बघेल ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में सभी वादों को पूरा किया है। चाहे वह लोन माफी की बात हो या फिर सिंचाई की बात हो। हमारी सरकार ने 2500 रुपये कुंटल में धान खरीदने की बात कही थी, जिसे 2800 रुपये तक किया गया था। इसके अलावा बिजली बिल हाफ किया गया और 35 किलो राशन भी वितरित किया गया है। साथ ही स्वामी आत्मानंद निशुल्क शिक्षा को भी हमने ही शुरू किया था। पीएम मोदी की गारंटी का क्या हुआ? उन्होंने काला धन वापस लाने, 15 लाख रुपये अकाउंट में डालने और दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात की थी, उनकी गारंटियों का क्या हुआ?
उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधा। कहा, "1 नवंबर बीत गया, लेकिन सरकार की ओर से एक विज्ञापन भी नहीं आया। इसके साथ ही हम आदिवासी नृत्य शुरू करते थे, इस साल उसका अभी तक कुछ पता नहीं है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको प्रसिद्धि मिली थी और छत्तीसगढ़ का नाम पूरी दुनिया में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता था, लेकिन उन्होंने गौठान समेत सभी कार्यक्रमों को बंद कर दिया। साथ ही पैरादान भी कराया जाता था, जिससे पशुधन और फसल की भी रक्षा होती थी। सरकार ने उसे भी बंद कर दिया, लोगों को इससे रोजगार जो मिलता था वह भी बंद हो गया है।"
रेहान वाड्रा की राजनीति में एंट्री के सवाल पर बघेल ने कहा कि मैं भी एक कार्यक्रम गया था और वहां मेरा पोता भी मेरे साथ था। आप सभी इसे राजनीति से क्यों देख रहे हो। दीपावली का त्योहार है, इसे परिवार के साथ ही तो मनाया जाता है। मैं यही कहूंगा कि इसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।
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