‘एक देश, एक चुनाव’ पहल का उद्देश्य देश में अमेरिका जैसी राष्ट्रपति प्रणाली लाना, जयंत पाटिल का आरोप

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की ‘एक देश, एक चुनाव’ (ओएनओई) रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। विभिन्न विपक्षी दलों ने इस कदम को अव्यावहारिक बताया है।

‘एक देश, एक चुनाव’ पर विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
‘एक देश, एक चुनाव’ पर विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
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नवजीवन डेस्क

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की ‘एक देश, एक चुनाव’ पहल भारत में अमेरिका जैसी राष्ट्रपति प्रणाली लाने की योजना है।

उन्होंने कहा कि यह सरकार अपने शासन में देश में एक साथ चुनाव कराने की कैसे योजना बना रही है, जबकि लोकसभा चुनाव भी कई चरणों में कराए जा रहे हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की ‘एक देश, एक चुनाव’ (ओएनओई) रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। विभिन्न विपक्षी दलों ने इस कदम को अव्यावहारिक बताया है।


संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पाटिल ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ को मंजूरी देना डॉ. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने की दिशा में पहला कदम है। यह भारत में अमेरिका जैसी राष्ट्रपति प्रणाली लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम है।’’

शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के नेता ने कहा, ‘‘संविधान बदलने की अपनी योजना के कारण भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा। बीजेपी अब तक स्थानीय निकाय और नगर निगम चुनाव कराने से बचती आई है। यह आश्चर्यजनक है कि सत्तारूढ़ पार्टी ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराए जाते हैं तो एक साथ चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं?

इस वर्ष लोकसभा चुनाव सात चरणों में (19 अप्रैल से एक जून तक) संपन्न हुए।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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