जम्मू-कश्मीर में मौसम के रुख से हर कोई हैरान, गर्मियों में आपदा की आशंका!
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि जिसे 'चिल्लई कलां' के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर को शुरू हुई थी और तब से, जम्मू-कश्मीर में कोई बारिश या बर्फबारी नहीं हुई है जो आने वाले गर्मियों के महीनों के लिए आपदा का कारण बन सकती है।
जम्मू शहर में रात के तापमान में गिरावट जारी है, जबकि कश्मीर में मंगलवार को भी हाड़ कंपा देने वाली ठंड का सितम चल रहा है। जम्मू शहर में रात का तापमान असामान्य रूप से कम रहा। मौसम विभाग ने अगले 10 दिनों के दौरान मौसम में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं जताई है।
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि जिसे 'चिल्लई कलां' के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर को शुरू हुई थी और तब से, जम्मू-कश्मीर में कोई बारिश या बर्फबारी नहीं हुई है जो आने वाले गर्मियों के महीनों के लिए आपदा का कारण बन सकती है। चिल्लई कलां 30 जनवरी को खत्म होगी।
मंगलवार को श्रीनगर का न्यूनतम तापमान माइनस 4.6, गुलमर्ग का माइनस 3.1 और पहलगाम का माइनस 5.4 डिग्री सेल्सियस रहा। लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर में रात का सबसे कम तापमान माइनस 10.4 और कारगिल में माइनस 12.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 2.3, कटरा में 5.6, बटोट में 3, भद्रवाह में 0.4 और बनिहाल में शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
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