टीडीपी और जेडीयू को अपने सांसदों की खरीद-फरोख्त होते देखने के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन क्यों?

अशोक गहलोत ने कहा कि यदि बीजेपी के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो लोकसभा अध्यक्ष का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए।

फोटोः IANS
फोटोः IANS
user

नवजीवन डेस्क

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को आरोप लगाया कि अगर बीजेपी लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखती है तो तेलुगु देशम पार्टी और जेडीयू को अपने सांसदों की खरीद-फरोख्त देखने के लिए तैयार रहना चाहिए।

गहलोत ने कहा कि यदि बीजेपी के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो लोकसभा अध्यक्ष का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म को निभाते हुए 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में टीडीपी एवं शिवसेना के तथा संप्रग सरकार में 2004 से 2009 तक माकपा के लोकसभा अध्यक्ष रहे और सदन का बेहतर संचालन हुआ ।


कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव की ओर केवल टीडीपी एवं जेडीयू ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता उत्सुकता से देख रही है। यदि भाजपा के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो उन्हें लोकसभा अध्यक्ष का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए।’’

उन्होंने आगे कहा कि ‘‘टीडीपी और जेडीयू को महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश एवं राजस्थान में बीजेपी द्वारा किए गए सरकार गिराने के षड्यंत्रों को नहीं भूलना चाहिए। इनमें से कई राज्यों में तो अध्यक्ष की भूमिका के कारण ही सरकार गिरी और पार्टियां टूटीं।

पीटीआई के इनपुट के साथ

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia