कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले की सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में कर्नाटक में प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं में कुछ मुस्लिम छात्राओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब पर प्रतिबंध की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर खंडित फैसला दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय सोमवार को कर्नाटक में प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करने पर सहमत हो गया। याचिकाकर्ताओं की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि फरवरी में होने वाली परीक्षा के मद्देनजर यह मामला अत्यावश्यक है।
जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और जे.बी. पारदीवाला की बेंच ने भी वकील से रजिस्ट्रार के सामने मामले का उल्लेख करने को कहा। वकील ने कहा कि मामले को अंतरिम आदेश के लिए लिया जा सकता है। बेंच ने कहा, यह तीन जजों का मामला है। हम इसे करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में कर्नाटक में प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं में कुछ मुस्लिम छात्राओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब पर प्रतिबंध की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर खंडित फैसला दिया था। यह फैसला जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने दिया।
न्यायमूर्ति गुप्ता ने कर्नाटक सरकार के सर्कुलर को बरकरार रखा और कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी। जबकि न्यायमूर्ति धूलिया ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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