‘बुलडोजर न्याय’ पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश ‘नफरती मुख्यमंत्रियों’ के मुंह पर तमाचा, प्रियंका बोलीं- जुल्म और नाइंसाफी...

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘वे समझते हैं कि 'त्वरित न्याय' की आड़ में जुल्म और नाइंसाफी के बुलडोजर से संविधान को कुचलकर भीड़ और भय का राज स्थापित किया जा सकता है। लेकिन यह देश संविधान से चलता है और संविधान से ही चलेगा।

प्रियंका गांधी ने कहा कि "बुलडोजर न्याय" पूरी तरह अस्वीकार्य है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि "बुलडोजर न्याय" पूरी तरह अस्वीकार्य है।
user

नवजीवन डेस्क

 कांग्रेस ने आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्ति को ध्वस्त नहीं करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्देश का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि यह उन ‘नफरती मुख्यमंत्रियों’ के मुंह पर करारा तमाचा है तथा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राज्य सरकारों की ‘अन्यायपूर्ण बुलडोजर नीति’ को आईना दिखाता है।

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि यह देश संविधान से चलता है और संविधान से ही चलेगा।

उच्चतम न्यायालय ने समूचे देश में प्राधिकारियों को उसकी इजाजत के बिना आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्ति को ध्वस्त नहीं करने का निर्देश देते हुए मंगलवार को कहा कि अगर अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है, तो यह देश के संविधान के मूल्यों के विरुद्ध है।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों आदि पर बने अनधिकृत ढांचों पर लागू नहीं होगा।


प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बीजेपी सरकारों की अन्यायपूर्ण और अमानवीय 'बुलडोजर नीति' को आईना दिखाने वाला माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। ऐसी बर्बर कार्रवाइयों के जरिये "देश के कानून पर बुलडोजर चलाकर" इंसानियत और इंसाफ को रौंदने वाली नीति एवं नीयत पूरे देश के सामने बेपर्दा हो चुकी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे समझते हैं कि 'त्वरित न्याय' की आड़ में जुल्म और नाइंसाफी के बुलडोजर से संविधान को कुचलकर भीड़ और भय का राज स्थापित किया जा सकता है। लेकिन यह देश संविधान से चलता है और संविधान से ही चलेगा। अदालत ने साफ कर दिया है कि 'बुलडोजर अन्याय' स्वीकार्य नहीं है।’’

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा शासित कुछ दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलडोज़र का सहारा लेकर नफ़रत फैलाना बंद करना चाहिए।

सुप्रिया ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला उन सब नफरती मुख्यमंत्रियों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो न्यायपालिका पर ताला लगाकर बुलडोजर न्याय को बढ़ावा देना चाहते थे। बुलडोजर का मतलब है कि आपका पुलिस प्रशासन फेल हो चुका है और आप न्यायापालिका पर ताला लगाना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बुलडोजर अब नफरत, हिंसा और राजनीतिक प्रतिशोध का प्रतीक बन चुका है। एक समुदाय के खिलाफ नफरत की आंधी को भड़काने के लिए बुलडोजर चलाया जाता है।’’


सुप्रिया ने कहा कि यह अच्छा फैसला है और उनकी पार्टी इसका स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ और बीजेपी में उनके जैसे कुछ अन्य नेता बुलडोज़र का सहारा लेकर नफ़रत फैलाना अब बंद करेंगे।

उनके मुताबिक, ‘‘बुलडोजर का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। इसका उपयोग अराजक तत्व और गुंडे-मवाली करते हैं। चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलडोजर से दूर रहना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने साफ कर दिया है कि यह देश संविधान से चलेगा, बुलडोजर से नहीं।

पीटीआई के इनपुट के साथ

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia