सिनेमाघरों में फिल्म शुरु होने से पहले राष्ट्रगान बजाना अब जरूरी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही फैसले को बदला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य नहीं है। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने 2016 के अपने ही आदेश को बदलते हुए यह आदेश दिया

फोटो :सोशल मीडिया
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IANS

सिनेमाघरों में अब से फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 9 जनवरी को अपने ही आदेश को पलटते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इस बारे में अब केंद्र सरकार कमेटी नियम तय करेगी।

इससे पहले सोमवार यानी 8 जनवरी को इस मामले पर अपना रुख बदलते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया खा कि सिनेमाघरों में फिल्म की शुरूआत से पहले राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य बनाने के उसके पहले के आदेश में बदलाव किया जाना चाहिए। केंद्र ने कहा था कि इसके लिए अंतर-मंत्रालीय समिति यानी इंटर-मिनिस्टीरियल कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी छह महीने में अपने सुझाव देगी। इसके बाद सरकार तय करेगी कि कोई नोटिफिकेशन या सर्कुलर जारी किया जाए या नहीं।

सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट तब तक 30 नवंबर 2016 के पहले की स्थिति की यथास्थिति बहाल करने पर विचार कर सकती है। 30 नवंबर 2016 के आदेश में सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य किया गया था।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र की पीठ ने ही 30 नवंबर 2016 को दिए एक आदेश में हर सिनेमाघर में फिल्म शुरु होने से पहले राष्ट्रगान बजाने का आदेश दिया था। इस दौरान दर्शकों को इसके सम्मान में खड़ा होना भी लाजिमी किया गया था।

इससे पहले 23 अक्टूबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सिनेमाहॉल और दूसरी जगहों पर राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य हो या नहीं, इसे सरकार ही तय करे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह भी देखना चाहिए कि सिनेमाहॉल में लोग मनोरंजन के लिए जाते हैं, ऐसे में देशभक्ति का क्या पैमाना हो, इसके लिए कोई दिशा निर्देश तय होने चाहिए या नहीं? इस तरह की अधिसूचना या नियम का मामला संसद का है। यह काम कोर्ट पर क्यों थोपा जाए?

सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के मुद्दे पर श्याम नारायण चौकसे नाम के एक व्यक्ति ने याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि किसी भी कारोबारी काम के लिए राष्ट्रगान के चलन पर रोक लगनी चाहिए और मनोरंजन आदि के शो में राष्ट्रगान का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया था कि एक बार शुरू होने पर राष्ट्रगान को आखिरी तक गाया जाना चाहिए और बीच में बंद नहीं किया जाना चाहिए।

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