बीएचयू लाठीचार्ज : ठोस कार्रवाई नहीं, सिर्फ दिखावे के लिए कुछ पुलिस वाले इधर-उधर
लाठीचार्ज के विरोध में बीएचयू के गेट के बाहर सैकड़ों छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर इस घटना के विरोध में कई छात्र और महिला संगठन दिल्ली में भी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में तनाव बना हुआ है। बीएचयू में छेड़खानी के विरोध में धरने पर बैठी लड़कियों पर हुए लाठीचार्ज की आंच अब दिल्ली तक पहुंच गई है। लाठीचार्ज के विरोध में बीएचयू के गेट के बाहर सैकड़ों छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर इस घटना के विरोध में कई छात्र और महिला संगठन दिल्ली में भी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीएचयू में हिंसक घटनाओं को लेकर वाराणसी पुलिस ने 1200 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। छात्र-छात्राओं के बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए बीएचयू, काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय समेत जिले के सभी डिग्री कॉलेजों को 2 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है।
बीएचयू लाठीचार्ज मामले में कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सरकार मामले की लीपा-पोती में जुट गयी है। लंका इलाके के एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है। एसएसपी ने भेलूपुर के सीओ निवेश कटियार को भी उनके पद से हटा दिया। वाराणसी के अपर नगर मजिस्ट्रेट सुशील कुमार गोंड का कार्यभार भी बदल दिया गया है। एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने कहा कि पूरे मामले में मुख्यमंत्री ने कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है और रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले को लेकर सरकार की चौतरफा निंदा हो रही है। कई नेताओं ने ट्वीट कर सरकार की आलोचना की है।
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Published: 25 Sep 2017, 2:36 PM