कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुलाई कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक, लॉकडाउन 3.0 पर करेंगी चर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रव्यापी बंद के तीसरे चरण के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि बैठक बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इसमें पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री भाग लेंगे।
कोरोना सकंट से उबरने के लिए देशभर में लॉकडाउन की तीसरी किस्त शुरू हो गई है, यानी लॉकडाउन 3 का आज दूसरा दिन है। लॉकडाउन 3 के साथ ही सरकार ने कई तरह की छूट भी दी है। लेकिन लॉकडाउन 3 के बाद भी कोरोना के मामलों में कमी आती नहीं दिख रही है। भारत में अब तक कोरोना के मामले बढ़कर 46433 हो गए हैं। इनमें 32134 सक्रिय केस हैं। 12727 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। देश में अब तक 1568 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है।
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कोरोना वायरस की इस चेन को तोड़ने की हर संभव कोशिश की जा रही है। इस कड़ी में राज्य सरकार भी अपनी ओर से पूरी मदद कर रही है। जिसे लेकर लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें की जा रही है। इस बीच खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रव्यापी बंद के तीसरे चरण के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि बैठक बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इसमें पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री भाग लेंगे।
बता दें, कांग्रेस द्वारा फंसे प्रवासियों की यात्रा की लागत को वहन करने की घोषणा और राहुल गांधी की नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बातचीत के बाद यह बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस प्रवासी मजदूरों और गरीबों की दशा पर खास ध्यान दे रही है। पार्टी का कहना है कि अनियोजित लॉकडाउन से यह वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कांग्रेस पार्टी गरीबों की दुर्दशा के मुद्दे को लगातार उठा रही है। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को कई पत्र भी लिखे हैं और प्रत्येक खाते में 7,500 रुपये का प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण सहित कई उपाय सुझाए हैं।
कांग्रेस की ओर से लगातार मदद की जा रही है। सोनिया गांधी ने सोमवार को ही अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के दौरान लगने वाले खर्च को उठाने का फैसला किया है। कांग्रेस पार्टी देश भर में अपने घरों को वापस जाने वाले कामगारों और श्रमिकों की यात्रा का खर्च उठाएगी। इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सुबह एक लिखित बयान जारी किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम केयर्स फंडमें रेलवे ने 151 करोड़ रुपये दिए हैं। ऐसे में मजदूरों को घर वापस भेजने के लिए फ्री में याक्षा करने की सुविधा क्यों नहीं दी गई। सोनिया गांधी बयान जारी कर कहा कि मजदूर देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी कुर्बानी राष्ट्र की नींव है। केवल 4 घंटे में लॉकडाउन का फैसला लेने से कई मजदूर अपने घर से बाहर फंस गए हैं। 1947 के बाद देश ने पहली बार इस तरह का मंजर देखा जब लाखों मजदूर पैदल ही हजारों किमीचलकर घर जा रहे हैं।
सोनिया गांधी के इस आह्वान के बाद कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्री मदद के लिए आगे आए। मजदूरों को अपने राज्य लौटने के लिए ट्रेन किराया मुहैया कराए जाने के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के फैसले के बाद तमिलनाडु में पार्टी ने राज्य सरकार को एक करोड़ रुपये दिए। तमिलनाडु कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस फंड का इस्तेमाल दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों के किराये के लिए किया जाना चाहिए। सोनिया गांधी के फैसले के बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने इस मसले पर ट्वीट किया है। अहमद पटेल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देशानुसार कोषाध्यक्ष होने के नाते मैं सभी प्रदेश कांग्रेस इकाइयों से ये अपील करता हूं कि प्रवासी मजदूरों के टिकट खर्च को लेकर हर मुमकिन प्रयास करें ताकि वो अपने घरों को जा सकें।
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