कोरोना से निपटने के लिए सोनिया गांधी ने की एकजुट होने की अपील, सरकार से राहत पैकेज की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार (21 मार्च) को कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी से एकजुट होने की अपील करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सरकार से आग्रह किया कि चिकित्सा जांच का दायरा बढ़ाया जाए। साथ ही उन्होंने छोटे एवं मझोले कारोबारियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने की भी मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार (21 मार्च) को कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी से एकजुट होने की अपील करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सरकार से आग्रह किया कि चिकित्सा जांच का दायरा बढ़ाया जाए। साथ ही उन्होंने छोटे एवं मझोले कारोबारियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने की भी मांग की। सोनिया ने एक बयान में कहा कि मास्क, सेनिटाइजर, खाने-पीने की वस्तुओं की बाजार में सुचारू ढंग से आपूर्ति बनाई रखी जाए।
उन्होंने कहा, कोविड-19 महामारी ने लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया है तथा पूरे देश में डर व अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न करके उनकी आजीविका एवं दैनिक जीवन को भी प्रभावित किया है। अनिश्चितता की इस घड़ी में मेरा असीम विश्वास है कि हम धैर्य एवं दृढ़ निश्चय के साथ इस गंभीर समस्या से निपट लेंगे।
हमें यह नहीं भूलना है कि सावधानी व रोकथाम सबसे कारगर उपाय हैं। मैं सभी भारतीयों से अपील करती हूँ कि वो तब तक अपने घरों में रहें, जब तक उनका बाहर जाना बहुत जरूरी न हो। बुजुर्गों एवं बच्चों का विशेष ध्यान रखना तथा उन्हें सुरक्षित रखा जाना बहुत ही आवश्यक है। घर पर रहने का निर्णय इस वायरस के फैलाव को रोक देगा। हम सबको इस बारे में अपने आस-पास जागरुकता बढ़ानी चाहिए कि हम सब बार बार हाथ धोएं, चेहरे को स्पर्श न करें, फ्लू एवं इन्फ्लुएंज़ा के लक्षण दिखने पर तत्काल मेडिकल हैल्पलाईन या फिर डॉक्टर को सूचित करें।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हम सब एकजुट होकर खड़े हैं। मैं प्रधानमंत्री जी एवं भारत सरकार का ध्यान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की तरफ आकृष्ट करना चाहती हूँ एवं आग्रह करती हूँ कि वो उनका जल्द से जल्द समाधान करें -
1. जाँच रोकथाम के लिए बहुत जरूरी है। 130 करोड़ नागरिकों के इस देश में अब तक केवल 15,701 मामलों में ही सैंपलों की जाँच की गई है। पर्याप्त समय मिलने, समय पर चेतावनी तथा दूसरे देशों से मिली सीख के बावजूद हमने अपनी सरकारी एवं प्राइवेट सेक्टर की क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं किया। इसमें परिवर्तन लाने की जरूरत है। हमें निगरानी में रखे गए सभी लोगों की जाँच शुरू करनी चाहिए तथा जिन लोगों में बीमारी के लक्षण दिखें या फिर जो लोग भी उनके संपर्क में आए हों, जो वायरस के लिए पॉजि़टव पाए गए हैं, उन सभी की जाँच बड़े स्तर पर की जाए।
2. अस्पतालों में बेड्स की संख्या, आईसोलेशन चैंबर्स, वेंटिलेटर्स, समर्पित मेडिकल टीम्स, मेडिकल सप्लाई आदि तथा अस्पतालों के स्थान के बारे में अनिश्चितता एवं पर्याप्त जानकारी की कमी है। हर अस्पताल के स्थान, उनके इमरजेंसी फोन लाईन नंबर्स को जनता के बीच पहुंचाया जाना चाहिए। यह जानकारी एवं अन्य आवश्यक जानकारियाँ देने के लिए एक विशेष व समर्पित पोर्टल होना चाहिए। इस आपदा से निपटने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए जाने की भी जरूरत है।
3. कोरोना वायरस से संक्रमित या फिर संक्रमण के संदिग्ध लोगों का इलाज कर रही मेडिकल टीम्स के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन ईक्विपमेंट्स (पीपीई), जैसे एन95 मास्क, ग्लव, फेस शील्ड, गॉगल्स, हैंड कवर्स, रबर बूट्स, डिस्पोज़ेबल गाउंस आदि की कमी चिंता का विषय है। हमें अपने डॉक्टर्स, नर्स एवं सपोर्टिंग स्टाफ पर गर्व है। साथ ही मेरा मानना है कि इस मुश्किल समय में उन्हें विशेष फाईनेंशल लाभ दिया जाना भी बहुत जरूरी है। मौजूदा समय में इन दोनों चीजों की कमी है। जैसे जैसे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ेगी, पर्याप्त प्रोटेक्टिव साधनों एवं इंसेंटिव की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी।
4. ये रिपोर्ट भी उतनी ही चौंकाने वाली हैं कि हैंड सैनिटाईज़र्स, फेस मास्क और यहां तक कि लिक्विड सोप की भी कालाबाजारी कर बाजार में इनकी कमी पैदा कर दी गई है। सरकार का कर्तव्य है कि वह इन चीजों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कर सुधारात्मक कार्यवाही करे। चिंताजनक बात यह है कि आवश्यक वस्तुओं, जैसे सब्जियों, दाल, चावल आदि के दाम रोज बढ़ते चले जा रहे हैं।
5. नोटबंदी और सुस्त भारतीय अर्थव्यवस्था के बाद, कोविड-19 संक्रमण दैनिक मजदूरी करने वाले लाखों लोगों, मनरेगा मज़दूरों, एडहॉक एवं अस्थायी कर्मचारियों, श्रमिकों, किसानों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए एक बड़ा झटका है। यहां तक कि नियमित कर्मचारियों को भी बड़ी संख्या में छंटनी व नौकरी से हाथ धोने को मजबूर होना पड़ा है। सरकार को इन लोगों के लिए विस्तृत सामाजिक सुरक्षा के उपाय करने होंगे। जहाँ आवश्यक हो तो ऐसे लोगों को नकद आर्थिक मदद भी दी जानी चाहिए।
6. सभी व्यवसाय, खासकर माईक्रो, स्मॉल एवं मीडियम व्यवसाय कोविड-19 की वजह से भारी दबाव में हैं। विशेष अवधियों के लिए विशेष उपायों की जरूरत होती है। इस समय हर सेक्टर के लिए भारत सरकार को विशेष राहत पैकेजों की घोषणा करनी चाहिए तथा उन्हें आवश्यक टैक्स ब्रेक, ब्याज सबवेंशन एवं देनदारियों पर छूट मिलनी चाहिए। वेतनभोगी वर्ग के लिए सरकार एवं आरबीआई को ईएमआई स्थगित करनी चाहिए।
7. कोविड-19 ने सर्वाधिक रोज़गार देने वाले क्षेत्र, यानि कृषि क्षेत्र को भी प्रभावित किया है। हमारे किसान, उत्पादक एवं खेत मज़दूरों पर भी इसकी मार पड़ी है। उससे भी ज्यादा समस्या भारत में बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि ने पैदा कर दी। भारत सरकार को कृषि क्षेत्र के लिए भी विशेष राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
मौजूदा स्थिति में लोगों में चिंता होना स्वाभाविक है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि लोग डरें नहीं और अफरा तफरी का माहौल न बनाएं।
भारत इस संकट पूर्ण आपदा के सामने घुटने नहीं टेकेगा। हम सब मिलकर साहस के साथ इसका सामना करेंगे। हम सब मिलकर इसका समाधान करेंगे।
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