सीएम योगी आदित्यनाथ की लापरवाही से हुआ सोनभद्र नरसंहार? विधायक के कहने के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
बीजेपी की सहयोगी अपना दल के विधायक हरिराम चेरो ने बताया कि उन्होंने 14 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उम्भा गांव के आदिवासियों की पैतृक भूमि पर कथित रूप से भूमाफिया द्वारा कब्जा करने और उन्हें फर्जी मामले में फंसाकर परेशान करने की जानकारी दी थी।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में हुए नरसंहार मामले में एक और नया मोड़ आ गया है। अब एक विधायक द्वारा लिखा पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने जमीनी विवाद के बारे में पहले ही मुख्यमंत्री को अलर्ट कर दिया था।
बीजेपी की सहयोगी अपना दल के विधायक हरिराम चेरो ने बताया कि उन्होंने 14 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उम्भा गांव के आदिवासियों की पैतृक भूमि पर कथित रूप से भूमाफिया द्वारा कब्जा करने और उन्हें फर्जी मामले में फंसाकर परेशान करने की जानकारी दी थी। साथ ही उन्होंने 600 बीघा विवादित जमीन और फर्जी सोसायटी बनाकर भूमि हड़पने का आरोप लगाया था।
विधायक हरिराम चेरो ने मामले की जांच उच्चस्तरीय एजेंसी से कराने की मांग की थी। इसके बावजूद अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की वरना इतनी बड़ी घटना न हो पाती। हरिराम चेरो ने 14 जनवरी 2019 को ही इससे संबंधित पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा था और आरोप लगाया था कि भूमाफिया आदिवासियों की पैतृक भूमि जबरदस्ती हड़पने के चक्कर में हैं।
मंगलवार को उनका यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। विधायक ने इस पत्र के सही होने की पुष्टि की और कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पहले ही आगाह किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। विधायक हरिराम ने आरोप लगाया था कि भूमाफिया के दबाव में पुलिस और पीएसी के जवान आदिवासियों को प्रताड़ित करते हैं और महिलाओं का शारीरिक शोषण करते हैं।
विधायक ने कहा, "यह मेरे विधानसभा का मामला नहीं है, लेकिन मैं आदिवासियों का नेता हूं, इसलिए वहां जन चौपाल लगाकर आदिवासियों ने अपनी समस्या बताई थी। इस दौरान तहसीलदार भी मौजूद थे।" उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस पर कार्रवाई करते तो ऐसी घटना नहीं घटती। विधायक ने कहा कि जिस जाति के आदिवासियों की हत्या हुई है, उसी समाज से मैं भी आता हूं। ये आदिवासी आजादी के बाद से ग्रामसभा की जमीन को जोत-बो रहे थे।
विधायक ने पत्र में अनुरोध किया था कि आदिवासियों पर हो रहे अन्याय पर संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण की किसी बड़ी एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
बता दें कि सोनभद्र के उम्भा गांव में 17 जुलाई को जमीन के विवाद में 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिस दौरान कई लोग घायल भी हो गए थे।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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