रामलीला मैदान में आंदोलन से पहले अन्ना ने भरी हुंकार, कहा, अगर मुझे जेल भेजा तो सरकार का पतन तय
हरियाणा के फरीदाबाद में किसानों के आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर सकती है, तो फिर किसानों का कर्ज माफ करने में उसे क्या परेशानी है?
दिल्ली के रामलीला मैदान में अगले महीने आंदोलन शुरू करने से पहले समाजसेवी अन्ना हजारे ने हुंकार भर दी है। उन्होंने हरियाणा के फरीदाबाद के आईएमटी चंदावली में किसानों के आंदोलन में हिस्सा लिया। इस दौरान अन्ना हजारे ने कहा कि अगले महीने 23 मार्च से रामलीला मैदान में वे धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ होगा।
अन्ना हजारे ने कहा कि अगर सरकार को मुझे जेल भेजना है तो भेज दे, मैं जेल जाने से डरने वाला नहीं हूं। उहोंने कहा कि अगर सरकार ने उन्हें जेल भेजा तो उसका पतन होना निश्चित है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को उस वादे की याद दिलाई जो उहोंने प्रधानमंत्री बनने से पहले जनता से किया था। अन्ना ने पीएम मोदी के काला धन वापस लाने और सभी भारतीयों के खाते में 15 लाख रुपये डालने के वादे पर तंज कसा।
बजट में किसानों को डेढ़ गुना सर्मथन मूल्य देने की बात को लेकर अन्ना हजारे ने वित्त मंत्री अरुण जेटल पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि किसानों को डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिलाने की बात को बजट में शामिल करने से पहले अरुण जेटली को नीति आयोग से बात करनी चाहिए थी।
किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर अन्ना हजारे ने सरकार पर सवाल खड़े किए। उहोंने कहा कि सरकार जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर सकती है, तो फिर देश के लिए अन्न उगाने वाले और खून पसीना बहाने वाले किसानों का कर्ज माफ करने में उसे क्या परेशानी है?
अन्ना हजारे फरीदाबाद के आईएमटी चंदावली में किसानों के आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। यहां आंदोलन कर रहे किसानों का आरोप है कि हरियाणा सरकार उन्हें करीब 600 करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं दे रही है, जबकि आईएमटी में करीब 5 गांवों की 1852 एकड़ जमीन ली गई है।
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Published: 04 Feb 2018, 6:11 PM