‘लाभ के फेर’ में फंसी ‘आप’ हाईकोर्ट में लगाएगी नई याचिका, सिसोदिया ने खुले खत से किया बीजेपी पर वार
आम आदमी पार्टी अपने 20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने के मामले में 23 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में नई याचिका दाखिल करेगी। इस बीच उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की जनता के नाम खुला खत लिखा है।
आम आदमी पार्टी ने अपने 20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से याचिका वापस लेने के बाद अब नई याचिका 23 जनवरी को दाखिल करने का फैसला लिया है। राष्ट्रपति की ओर से विधायकों की सदस्तयता रद्द करने के फैसले के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं, और यही वजह ही पार्टी पुरानी याचिका को वापस लेने के बाद नई याचिका दाखिल करेगी।
आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक मदन लाल ने बताया कि 22 जनवरी को एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल छुट्टी पर थीं। सदस्यता खोने वाले पार्टी के विधायक अब मंगलवार यानि 23 जनवरी को याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस तरह का फैसला देगा पार्टी को ऐसी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, “हमें यह भी उम्मीद नहीं थी कि मुख्य चुनाव आयुक्त की सिफारिश को राष्ट्रपति इतनी जल्दी मंजूरी दे देंगे।” मदन लाल ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हमारी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि जो बात चुनाव आयोग और राष्ट्रपति ने नहीं सुनी अब उस बात को वे हाईकोर्ट के सामने रखेंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से ‘आप’ के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला लेने के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की जनता के नाम एक खुला खत लिखा है। खत को सोशल मीडिया पर जारी किया गया है। दो पन्नों के पत्र में सिसोदिया ने बीजेपी पर कई आरोप लगए हैं। उन्होंने खत में लिखा “आज इस खुले पत्र के माध्यम से मैं आपसे सीधे बात करना चाहता हूं। मन दुखी है, पर निराश हूं क्योंकि मुझे आप पर भरोसा है। दिल्ली के और देश के लोग मेरी आशा हैं। तीन साल पहले आपने 70 में से 67 विधायक चुनकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई थी। आज इन्होंने आपके 20 विधायकों को बर्खास्त कर दिया। इनका कहना है कि यह 20 विधायक लाभ के पद पर थे। हमने इन्हें संसदीय सचिव बनाया था और अलग-अलग जिम्मेदारियां दी थीं। इनके काम की वजह से दिल्ली के स्कूलों और अस्पतालों में सुधार हुआ।”
अपने पत्र में मनीष सिसोदिया ने सवाल खड़ा किया है। सिसोदिया ने लिखा है कि जब इन विधायकों को सरकार ने कोई सरकारी गाड़ी नहीं दी, बंगला नहीं दिया, एक नया पैसा तनख्वाह तक नहीं दी। जब इन्हें कुछ दिया ही नहीं तो लाभ का पद कैसे हो गया। खत के जरिए मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की जनता से सवाल भी पूछा है। खत में उन्होंने लाख है, “क्या चुने हुए विधायकों को इस तरह असंवैधानिक और गैर-कानूनी तरीके से बर्खास्त करना सही है? क्या दिल्ली को इस तरह चुनावों में धकेलना ठीक है? क्या ये गंदी राजनीति नहीं है?”
मनीष सिसोदिया ने पत्र में केजरीवाल सरकार द्वारा तीन साल में कराए गए कामों को भी गिनाया है। उन्होंने खत में लिखा है, “आम आदमी पार्टी की सरकार ने तीन साल में दिल्ली में बिजली के दाम देशभर में सबसे कम कर दिए, पानी मुफ्त कर दिया, स्कूलों का कायापलट कर दिया, प्राइवेट स्कूलों से बढ़ी फीस वापस कराई, मोहल्ला क्लीनिक बनाए, बुजुर्गों की पेंशन बढ़ा दी। उन्होंने आगे लिखा है, “अब दो साल बचे हैं इन दो सालों में बहुत काम करना था, पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने हैं, प्री वाई-फाई देने हैं, सरकारी सेवाओं की डोरस्टोप डिलीवरी देनी है।”
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने खत के जरिए आगामी चुनाव से होने वाले नुकसान के बार में भी बताया है। उन्होंने खत में लिखा है कि चुनाव होने की वजह से अब दिल्ली में आचारसंहिता लागू हो जाएगी। ऐसी स्थिति में नए काम नहीं हो सकेंगे। इसके बाद फिर लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आ जाएगा। उस वक्त भी आचारसंहिता लागू हो जाएगी और दिल्ली में विकास कार्य रुक जाएगा।
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Published: 22 Jan 2018, 10:10 PM