अर्नब गोस्वामी को लेकर शिवसेना ने बीजेपी को ललकारा, मीडिया से भी पूछे तीखे सवाल
रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी और BARC के पूर्व प्रमुख पार्थो दासगुप्ता के बीच लीक हुई चैट को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है।
रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी और BARC के पूर्व प्रमुख पार्थो दासगुप्ता के बीच लीक हुई चैट को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए केंद्र की सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं ने वेब सीरीज 'तांडव' को लेकर उनके निर्माताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज तो करा दी, लेकिन अगर उनमें हिम्मत है तो भारतीय सैनिकों की शहादत का अपमान करने वाले पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज कराएं।
सामना के संपादकीय में मीडिया पर भी निशाना साधा गया है। इसमें कहा गया है कि किसी के पास से 100 ग्राम गांजा मिलने पर हो-हल्ला मचाने वाली मीडिया गोस्वामी के कथित देशद्रोह के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा करने को तैयार नहीं है। क्योंकि उन्होंने अपनी स्वतंत्रता और राष्ट्राभिमान किसी के चरणों में गिरवी रख दिया है। स्वतंत्रता की, राष्ट्रवाद की लड़ाई दूसरे लड़ें, ये मात्र राष्ट्र का चौथा स्तंभ बनकर घूमते फिरें! सब धंधा बन गया है, दोष आखिर किसे दें? ‘तांडव’ शुरू है, ये चलता ही रहेगा!
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखा, 'भारतीय जनता पार्टी अब हास्य-व्यंग्य का विषय बन गई है। रोज नए स्वांग-ढोंग रचकर जनता का मनोरंजन करने का प्रयोग वे करते ही रहते हैं, लेकिन उनके प्रपंची प्रयोग जनता को पसंद नहीं आते। ‘तांडव’ नाम की एक वेब सीरीज वर्तमान में प्रदर्शित हुई है। कहा जाता है कि यह सीरीज मौजूदा राजनीति की वास्तविकता पर आधारित है। दिल्ली की राजनीति, विश्वविद्यालयों में सियासी खींचतान, इस तरह के कुछ विषय इसमें दिखाए गए हैं। इस बीच इस सीरीज में हिंदू देवी-देवताओं के संदर्भ में कुछ आपत्तिजनक संवाद होने का हो-हल्ला भारतीय जनता पार्टी ने मचाया। भगवान शंकर और नारद के संवाद में श्रीराम का उल्लेख उपहासात्मक तरीके से किए जाने का ‘तांडव’ बीजेपी ने शुरू किया। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने जो ‘तांडव’ शुरू किया है, उसमें प्रामाणिकता का अंश कितना है, उस पर संदेह है ही। क्योंकि जो ‘तांडव’ के विरोध में खड़ी है, वही भाजपा भारत माता का अपमान करनेवाले उस अर्णब गोस्वामी के संबंध में मुंह में उंगली दबाकर चुप क्यों बैठी है? हिंदुस्तानी सैनिकों का और उनकी शहादत का अपमान जितना गोस्वामी ने किया है, उतना अपमान पाकिस्तानियों ने भी नहीं किया होगा।'
शिवसेना ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी समेत सुशीलकुमार शिंदे, सलमान खुर्शीद और गुलामनबी आजाद ने भी बुधवार को पत्रकार परिषद में इस पूरे मामले की जांच कराने और ‘सरकारी गोपनीयता अधिनियम’ के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। पूरे मामले को देशद्रोह ही बताते हुए कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को संसद सत्र में उठाने के संकेत भी दिए हैं। इस प्रकरण में जो सच्चाई है, उसे सरकार को बाहर लाना चाहिए।'
सामने में बीजेपी पर चुनाव जीतने के लिए सैनिकों का खून बहाने का भी आरोप लगाया गया है। संपादकीय में कहा गया है कि, 'सरकार को इसकी सच्चाई सामने लानी चाहिए। इसमें कहा गया है , जैसे कि आरोप लग रहे हैं, तब तो हमारे सैनिकों की हत्या देश के भीतर एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा थी और हमारे 40 जवानों का खून सिर्फ लोकसभा चुनाव (2019) जीतने के लिए बहाया गया?' संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि गोस्वामी की बातचीत सामने आने के बाद उन आरोपों को बल मिल रहा है।
शिवसेना ने बीजेपी से सवाल किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अनेक गोपनीय बातें गोस्वामी ने सार्वजनिक कर दीं, इस पर भाजपा ‘तांडव’ क्यों नहीं करती? चीन ने लद्दाख में घुसकर हिंदुस्थानी जमीन पर कब्जा कर लिया। चीन पीछे हटने को तैयार नहीं, इस पर ‘तांडव’ क्यों नहीं होता?
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