कठपुतली हैं शिवराज, कुछ नौकरशाहों के हाथ में है डोर: अजय सिंह
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का मानना है कि शिवराज के खाते में ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है, जिससे जनता को लाभ मिला हो। इतना जरूर है कि कुछ नौकरशाह उन्हें कठपुतली की तरह चलाते हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को सत्ता में 12 साल पूरे कर लिए हैं। विपक्षी मानते हैं कि वह भाग्य के धनी हैं। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का मानना है कि इन 12 सालों में शिवराज के खाते में ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है, जिससे जनता को लाभ मिला हो। इतना जरूर है कि कुछ नौकरशाह उन्हें कठपुतली की तरह चलाते हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सत्ता में अपने 12 साल पूरे कर लिए। इसको लेकर बीजेपी और राज्य सरकार जश्न भी मना रही है। लेकिन राज्य के विपक्षी नेताओं का कहना है कि शिवराज बस एक कठपुतली हैं और उनकी डोर दूसरों के हाथों में है। विधानसभा में नेता विपक्ष अजय सिंह ने कहा, "अपने राजनीतिक जीवन में सात मुख्यमंत्रियों को देखा है, जिनमें भाजपा के ही चार हैं। भाजपा के मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा कुशल प्रशासक रहे। बाबू लाल गौर ने सरकार को बेहतर तरीके से चलाया। उमा भारती बहुत कम समय मुख्यमंत्री रहीं। इन चार में चौहान को तीसरे पायदान पर रख सकते हैं और वह भी इसलिए, क्योंकि उमा भारती का कार्यकाल बहुत छोटा रहा।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिवंगत अर्जुन सिंह के पुत्र और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है, "शिवराज के साथ खास बात यह है कि वह भाग्यशाली हैं। बगैर किसी उपलब्धि के इतनी लंबी राजनीतिक पारी खेलना भाग्य से ही संभव है। वह ठीक उस कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं, जिसकी डोर किसी और के पास होती है, शिवराज की डोर कुछ नौकरशाहों के हाथ में है।" सिंह ने कहा, "डंपर घोटाला, रेत घोटाला, व्यापमं घोटाला ऐसे मामले हैं, जिससे शिवराज की लोकप्रियता में बहुत बड़ा धक्का लगा है। धीरे-धीरे लोगों के मन में यह बात बैठने लगी है कि शिवराज भी इन मामलों में लिप्त हैं। भले ही उन्होंने हर तरफ सेटिंग कर रखी हो, मगर जनता तो हकीकत समझने लगी है।"
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया, "शिवराज का मीडिया मैनेजमेंट बहुत तगड़ा है। कुछ चीजों में तो कहना पड़ेगा। किसी मुद्दे को किस तरह से डायवर्ट व डायलूट करना है, यह तो कोई शिवराज से सीखे।" शिवराज के कार्यकाल की योजनाओं पर सिंह ने कहा, "योजनाएं तो अच्छी होती हैं, मगर उनका ठीक तरह से क्रियान्वयन न हो तो क्या लाभ। बेटी पढ़ाओ योजना अच्छी है, मगर बेटियां ही सुरक्षित न रहें, सिंचाई का क्षेत्र बढ़ाने की बात हो और किसान को उसकी फसल का उचित दाम न मिले। इसका अर्थ साफ है कि मूल उद्देश्य कहीं भटक रहा है।"
मुख्यमंत्री की नीयत और नीति पर सिंह ने कहा, "नीयत ठीक नहीं है, साथ ही किसी भी नीति में यह आवश्यक होता है कि उसे अंजाम तक पहुंचाया जाए, लेकिन वह ऐसा नहीं करते। योजना की घोषणा, जमकर प्रचार और फिर नई योजना की घोषणा। योजनाओं का जो फॉलोअप होना चाहिए, वह नहीं हो रहा, इसीलिए तो योजनाओं का बुरा हाल है।"
सात मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल देख चुके अजय सिंह ने शिवराज को 10 में से 4 नंबर देते हुए कहा कि जनता जब तीन बार से उन्हें पास कर रही है, तो हमें भी पासिंग मार्क्स देना होगा। सिंह ने साथ में कहा कि शिवराज का ग्राफ और लोकप्रियता धीरे-धीरे काफी नीचे आ गया है और यह बात जमीन पर जाकर देखने पर महसूस भी होती है।
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