राजस्थानः 25 अप्रैल को आ सकता है आसाराम पर फैसला, जोधपुर में 30 तारीख तक निषेधाज्ञा लागू
साल 2013 से जोधपुर जेल में बंद आसाराम के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के उल्लंघन के मामले में 25 अप्रैल को कोर्ट का फैसला आ सकता है। फैसला जोधपुर जेल के भीतर ही सुनाया जाएगा।
राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में फैसले की घड़ी आ गई है। इस मामले में अदालत 25 अप्रैल को अपना फैसला सुना सकती है। इसको देखते हुए जोधपुर में 30 अप्रैल तक धारा 144 लागू कर दी गई है। जोधपुर पुलिस के आदेश के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 4 से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते हैं। हालांकि, आसाराम के खिलाफ मामले में फैसला जेल परिसर के भीतर ही सुनाया जाएगा।
आसाराम नाबालिग से दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के उल्लंघन के आरोप में 31 अगस्त 2013 से जोधपुर की जेल में बंद हैं। इस मामले में अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 10 साल कैद की सजा हो सकती है।
राजस्थान हाई कोर्ट ने 17 अप्रैल को आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट को शहर की कानून—व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देखते हुए फैसला सुनाने का इंतजाम जोधपुर जेल के भीतर करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने जेल अधीक्षक को इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्था जेल परिसर में ही करने के निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि आसाराम के अनुयायी जोधपुर शहर में कानून व्यवस्था के लिए चुनौती भी खड़ी कर सकते हैं।
इस बीच फैसले से पहले, जिला प्रशासन ने पीड़िता और उसके घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। जोधपुर पुलिस ने कहा है कि 5 पुलिसकर्मी 24 घंटे पीड़िता के घर पर तैनात रहेंगे और वहां आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस ने बताया है कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व बल तैयार रखा गया है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने ये आदेश पुलिस की ओर से दायर याचिका पर दिया था। पुलिस ने याचिका में आशंका जताई थी कि कोर्ट परिसर में फैसला सुनाए जाने की स्थिति में सुरक्षाकर्मियों और आसाराम के समर्थकों के बीच टकराव की संभावना है। पुलिस ने कहा था कि फैसले वाले दिन शहर में आसाराम के समर्थक भारी तादाद मौजूद रहेंगे और ये लोग सुनवाई में बाधा डालने की भी कोशिश कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल हरियाणा के पंचकूला की अदालत से दुष्कर्म के मामले में गुरमीत रामरहीम सिंह पर फैसला आने के बाद उसके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया था। रामरहीम समर्थकों और पुलिस के बीच भारी हिंसामें कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। इस दौरान कई पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को भी गंभीर चोटें आई थीं। इसी को देखते हुए जोधपुर पुलिस ने एहतेयात के तौर पर अभी से सुरक्षा के बंदोबस्त करने शुरू कर दिए हैं।
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