संजय सिंह ने नीट को लेकर उठाए सवाल, कहा- सरकार एनटीए को भंग कर उसके अधिकारियों की भूमिका की जांच करे

संजय सिंह ने कहा कि पिछले कुछ समय में 70 परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हुए हैं जिनसे दो करोड़ छात्र प्रभावित हुए हैं। उन्होंने परीक्षाओं का संचालन करने वाली एजेंसी एनटीए को भंग करने तथा उसके अधिकारियों की भूमिका की जांच कर उन्हें जेल भेजने की मांग की।

संजय सिंह ने राज्यसभा में एनटीए को भंग करने की मांग की
संजय सिंह ने राज्यसभा में एनटीए को भंग करने की मांग की
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नवजीवन डेस्क

राज्यसभा में सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह ने पेपर लीक मामला और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और मांग की कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को भंग कर उसके अधिकारियों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए।

राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) से जुड़ी परीक्षाओं के रद्द होने एवं प्रश्नपत्र लीक होने का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि इससे बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में 70 परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हुए हैं जिनसे दो करोड़ छात्र प्रभावित हुए हैं। उन्होंने परीक्षाओं का संचालन करने वाली एजेंसी एनटीए को भंग करने तथा उसके अधिकारियों की भूमिका की जांच कर उन्हें जेल भेजने की मांग की।

सिंह ने कहा कि हाल ही में संपन्न आम चुनाव कई घटनाओं का साक्ष्य रहा और चुनावों से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल सहित विपक्ष के कई नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पूरी दुनिया में बेहतरीन काम किया लेकिन उन्हें कथित शराब घेाटाला के आरोप में जेल में बंद कर दिया गया।


सिंह ने आरोप लगाया कि कथित शराब घोटाला में वास्तव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शामिल थी और उसने चुनावी बॉण्ड के जरिए एक आरोपी से करोड़ों रुपये लिए। इस दौरान भाजपा सदस्यों ने हंगामा किया।

उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान बेरोजगारी, महंगाई, अग्निवीर आदि मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए थी लेकिन भाषा का स्तर काफी गिर गया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

सिंह उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में अमृत काल की बात की गयी है लेकिन यह कैसा अमृत काल है जिसमें उन्हें सहित विभिन्न विपक्षी नेताओं को महीनों जेल में बंद रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित विभिन्न जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया और विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

इस क्रम में सिंह ने केजरीवाल से जुड़े मामले में एक अदालत के फैसले का जिक्र किया जिस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में लंबित है और उस पर यहां चर्चा नहीं हो सकती।

सभापति ने कहा कि अपने देश में एक कानूनी प्रक्रिया है जिसके तहत अदालत किसी व्यक्ति को जेल भेजती है। उन्होंने कहा कि ऐसा भी होता है जब किसी व्यक्ति को जमानत मिल जाती है लेकिन उसे अंतत: सजा हो जाती है वहीं ऐसा भी होता है जब किसी व्यक्ति को जमानत नहीं मिलती लेकिन उसे अंतत: बरी कर दिया जाता है।


आप सदस्य सिंह ने कहा कि इस चुनाव के परिणाम ने सरकार और भाजपा को सोचने एवं अपनी कमियों की समीक्षा करने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का भी महत्व है और सरकार को ‘‘जेल की राजनीति’ बंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा 400 पार का नारा लगा रही थी लेकिन उसकी सीटें 240 तक ही सीमित रह गयी और वह बहुमत से भी दूर रह गयी।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा की मंशा विपक्ष के विभिन्न दलों को खत्म करने की है लेकिन उनकी पार्टी आप सरकार के सामने नहीं झुकेगी।

सिंह ने कहा कि सरकार सब लोगों को साथ लेकर चलने की बात करती है लेकिन उसने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं बुलाया। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि वह प्रभु राम को लाने की बात कर रहे थे और राम मंदिर को लेकर राजनीति कर रहे थे लेकिन चुनाव परिणाम से साफ है कि भाजपा राम गमन पथ से जुड़ी लगभग सभी सीटों पर हार गई।

उन्होंने अग्निवीर योजना की आलोचना करते हुए कहा कि स्कीम के तहत युवाओं को 17 साल में नौकरी मिलती है और वह सिर्फ चार साल ही नौकरी कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना भारत मात्रा की सुरक्षा के साथ समझौते का प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस योजना से युवा नाराज हैं और सरकार को इस योजना पर फिर से विचार करना चाहिए।


सिंह ने कहा कि सरकार देश के पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की बात कर रही है लेकिन उसे बताना चाहिए कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत कहां है। उन्होंने दावा किया कि अर्थव्यवस्था में वृद्धि का फायदा सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को मिला और कई लोग हजारों करोड़ रुपये लेकर देश से भाग गए। उन्होंने दावा किया कि 43 कंपनियों को लाखों करोड़ रूपए की ऋणमाफी दी गई है।

उन्होंने कहा कि यह सरकार एक ओर कहती है कि राज्यों के विकास से ही देश का विकास होगा लेकिन उसकी करनी पूरी तरह से अलग है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र पर पंजाब राज्य का 8,000 करोड़ रुपये बकाया है और केंद्र राज्य को वह राशि नहीं दे रहा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार केंद्र दिल्ली की आप सरकार को भी उसका हिस्सा नहीं दे रहा है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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