सचिन पायलट ने जनगणना में देरी को लेकर केंद्र पर साधा निशाना, बोले- सरकार की मंशा हमेशा आंकड़ों को दबाने की रही है

सचिन पायलट ने कहा, “हमारी पार्टी हमेशा बोलती रही है कि जातिगत जनगणना करनी चाहिए। लेकिन भारत सरकार ने जातिगत जनगणना तो दूर, गिनती करना भी बंद कर दिया और जो आंकड़े हमारे पास उपलब्ध हैं उनको प्रकाशित नहीं कर रहे हैं।”

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता जनगणना में देरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि उसकी मंशा हमेशा आंकड़ों को दबाने की रही है और उन्होंने जातिगत जनगणना कराने की अपनी पार्टी की मांग दोहराई।

पायलट ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, “केंद्र सरकार की मंशा हमेशा आंकड़ों को दबाने की है। इस सरकार ने लगातार सारे आंकड़ों को जनता के सामने प्रस्तुत नहीं किया है। चाहे वह बेरोजगारी के आंकड़े हों या गरीबी रेखा के आंकड़े हों।”

उन्होंने कहा कि सरकार अपना प्रचार करने के लिए नारे देती है, लेकिन एनएसएसओ के आंकड़ें या भारत सरकार के सांख्यिकी विभाग के आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि सरकार ने कोरोना वायरस का बाहना देकर जनगणना को जानबूझकर टाला है।

उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी हमेशा बोलती रही है कि जातिगत जनगणना करनी चाहिए। लेकिन भारत सरकार ने जातिगत जनगणना तो दूर, गिनती करना भी बंद कर दिया और जो आंकड़े हमारे पास उपलब्ध हैं उनको प्रकाशित नहीं कर रहे हैं।”

पायलट ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार आंकड़ों का खेल नहीं खेले और जनता के सामने वास्तविक स्थिति प्रकट करने के लिए आंकड़ों का चयन ढंग से करे।”

उन्होंने कहा कि जनगणना में जानबूझकर विलंब किया गया है।


कांग्रेस ने नेता ने कहा, “हम चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो और जब तक आप लक्षित बजट आवंटन नहीं करेंगे, नीति निर्माण नहीं होगा। आपको पता नहीं होगा कि किन लोगों को कहां लाभ मिल रहा है। आप बस अपनी राजनीतिक सुविधा को देखकर अगर बजट पेश करेंगे तो उसका लाभ नहीं मिलता है। लक्षित हस्तक्षेप के लिए जाति‍गत जनगणना बहुत जरूरी है।”

उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य की जिन सात विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है वहां कांग्रेस जीतेगी।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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