लोकसभा चुनाव 2019: पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू, अब से नहीं हो सकेंगे ये काम

आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी दफ्तर में भर्तियां बंद हो जाती हैं। चुनाव नतीजे आने तक सभी सरकारी कर्मचारी निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर कार्य करते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चुनाव आयोग ने आज 2019 लोकसभा चुनाव के लिए पूरा शेड्यूल जारी कर दिया दिया है। पूरे देश में सभी 543 सीटों पर 7 चरणों में मतदान कराए जाएंगे। इसी के साथ पूरे देश में आदर्श आचार संहिता को भी लागू कर दिया गया है। आचार संहिता लागू होते ही चुनाव प्रचार की प्रक्रिया पर कुछ तरह की बंदिशें लग जाती हैं। कोई भी पार्टी अपना वोट बैंक बनाने के लिए किसी भी प्रकार का प्रलोभन नहीं दे सकती। इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी बातें हैं, जिनका पालन आचार संहिता के लागू होने के बाद किया जाता है। आइए जानते हैं, क्या होती है चुनाव आचार संहित?

1. यह चुनाव आयोग की तरफ से बनाया हुआ एक सख्त कानून होता है जिसका पालन न करने पर किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। आचार संहिता का उलंघन करने पर किसी भी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। इसके अलावा उन पर कानूनी कार्यवाई करते हुए उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है।

2. आचार संहिता लागू किये जाने के बाद किसी भी सरकारी दफ्तर में भर्तियां बंद हो जाती हैं।

3. अचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी नेता या मंत्री किसी भी तरह से चुनाव या अपनी पार्टी का प्रचार नहीं कर सकता है। किसी भी सरकारी संसाधन जैसे कि घर या गाड़ी को चुनावी प्रचार के लिए इस्तेमाल करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जा सकती है।

4. बिना चुनाव आयोग की इजाज़त के किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता या नेता किसी भी प्रकार की सभा या रैली नहीं कर सकते। इसके लिए उन्हें चुनाव आयोग से अनुमति लेकर पास के थाने में सभा की जगह एवं तिथि का ब्यौरा देना होता है।

5. मतदान के दिन से एक दिन पहले किसी भी उम्मीदवार द्वारा किसी भी प्रकार की मीटिंग करने पर भी रोक लगा दी जाती है। पोलिंग बूथ से 100 मीटर के दायरे पर पार्टी का प्रचार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास चुनाव चिन्हों का कोई प्रदर्शन नहीं किया जा सकता।

6. चुनाव के समय मतदाताओं को नकद या किसी भी रूप में पैसा देना या उन्हें शराब जैसी चीज़ें देकर वोट देने के लिए प्रेरित करने के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही का प्रावधान है। ऐसा करने पर चुनाव आयोग उनका नामांकन भी रद्द कर सकता है।

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Published: 10 Mar 2019, 8:45 PM