आरजेडी ने पीएम मोदी के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' वाले बयान पर उठाए सवाल, पूछा- क्या आप संविधान को बदलने की तैयारी में हैं?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में महिलाओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। इस पर तिवारी ने टिप्पणी की, “यह भाषण का विषय नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री जी, मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर की घटना क्या दर्शा रही है?"
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से दिए गए भाषण में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर देश के लोगों से आगे आने की अपील पर राष्ट्रीय जनता दल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी नियम, कानून और संविधान को नजरअंदाज कर बयान देते हैं।
मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने अपने लंबे भाषण में गरीबों, मजदूरों, किसानों और नौजवानों की समस्याओं की बात नहीं की। वे केवल 'हमने किया, हमने किया' कहने में लगे रहे। लेकिन 20 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? नौजवानों के लिए क्या कदम उठाए गए? किसानों की हालत क्या हो गई, इस पर उन्होंने कोई बात नहीं की। केवल धर्म के नाम पर नफरत फैलाना और कॉमन सिविल कोड की बात करना उनकी आदत बन गई है। यह देश संविधान और कानून से चलेगा। प्रधानमंत्री जी, आप इसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकते, क्योंकि इंडिया गठबंधन पूरी मजबूती के साथ प्रतिकार के लिए तैयार है।”
प्रधानमंत्री मोदी के कॉमन सिविल कोड (यूसीसी) पर बयान पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि वित्त आयोग ने 2018 में इसे खारिज कर दिया था। इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे को बार-बार उठाते हैं। तिवारी ने सवाल किया, “जब 21वें वित्त आयोग की रिपोर्ट में इसे आवश्यक नहीं बताया गया, तो प्रधानमंत्री जी लाल किले की प्राचीर से इसे क्यों छेड़ रहे हैं? आपको असली मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। क्या आप संविधान को बदलने की तैयारी में हैं?”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में महिलाओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। इस पर तिवारी ने टिप्पणी की, “यह भाषण का विषय नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री जी, मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर की घटना क्या दर्शा रही है? प्रधानमंत्री की महिलाओं के प्रति चिंता मणिपुर में हुए अत्याचार के मुकाबले छोटी है। इतनी बड़ी घटना के बावजूद आपका वहां न जाना क्या दर्शाता है?”
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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