आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट की आरोपी को जमानत के लिए कोर्ट ने रखी कुरान बांटने की शर्त, युवती बोली- नहीं मानूंगी
फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के कारण झारखंड की एक अदालत ने एक युवती को अनोखी सजा सुनाई है। कोर्ट ने रिचा भारती नाम की एक छात्रा को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह कुरान की 5 प्रतियां बांटेगी। हालांकि छात्रा रिचा भारती ने कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिया है।
एक धर्म विशेष के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के कारण झारखंड की एक अदालत ने एक युवती को अनोखी सजा सुनाई है। कोर्ट ने रिचा भारती नाम की एक छात्रा को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह कुरान की 5 प्रतियां बांटेगी। हालांकि छात्रा रिचा भारती ने कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। रिचा ने कहा कि यह सही नहीं है। बता दें कि कोर्ट के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर भी काफी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
रिचा ने कहा कि मैं कुरान नहीं बांटने जा रही हूं। हमारा परिवार निचली अदालत के इस आदेश से खुश नहीं हैं। हम इस पर विचार कर रहा है। हम ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। छात्रा का कहना है कि आज मुझे कुरान बांटने के लिए बोल रहे हैं, कल बोलेंगे इस्लाम स्वीकार कर लो, नमाज पढ़ लो, कुछ और कर लो। यह कहां तक जायज है।
बता दें कि छात्रा पर सोशल साइट पर एक धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने के आरोप में 12 जुलाई को पिठोरिया द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि पिछले तीन दिनों से ऋचा फेसबुक साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रही है। इसे प्रचारित कर रही है। इससे क्षेत्र में कभी भी धार्मिक भावना भड़क सकती है। प्राथमिकी दर्ज होने के तीन घंटे के भीतर ऋचा भारती को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस मामले की सुनवाई सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदलात में हुई। कोर्ट ने छात्रा रिचा भारती को इस शर्त पर जमानत दी की उसे 15 दिनों के अंदर पांच कुरान बांटना होगा। अगर इसकी अवहेलना की गई तो जमानत रद हो सकती है। सात हजार के दो निजी बांड जमा करने के बाद सोमवार को ऋचा जेल से बाहर आ गई।
आदेश के मुताबिक कुरान की एक प्रति शिकायतकर्ता सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया एवं अन्य चार प्रति रांची के सरकारी विश्वविद्यालय या कॉलेज या स्कूलों में बांटनी होगी। हालांकि जेल से बाहर आने के बाद छात्रा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। इस मामले की राजनीतिकरण शुरू हो गया है। कोई कोर्ट के इस फैसले का समर्थन कर रहा है तो कोई इस फैसले को गलत बता रहा है। कई हिंदू संगठनों कोर्ट के फैसले का विरोध किया है। फैसले के खिलाफ रांची में विरोध प्रदर्शन किया गया। लोगों ने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने के आरोप लगाए और रिचा को बिना शर्त रिहा करने की मांग की।
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