राजस्थानः लाखों नौकरियां देने के दावे पर सीएजी ने खोली वसुंधरा सरकार की पोल, कहा, बढ़ा-चढ़ा दिया गया आंकड़ा

आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रदेश में गौरव यात्रा निकाल रहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश के युवाओं को लाखों की संख्या में रोजगार देने का दावा कर रही हैं। लेकिन हाल ही में पेश सीएजी की रिपोर्ट से उनका दावा खोखला साबित हो रहा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

इसी साल के अंत तक राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीएम वसुंधरा राजे और उनकी पार्टी बीजेपी ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। आगामी चुनावों को देखते हुए वसुंधरा राजे गौरव यात्रा निकाल कर प्रदेश भर में घूम रही हैं और लोगों को अपनी सरकार की उपलब्धियां बता रही हैं। चुनाव मोड में आ चुकीं वसुंधरा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं और इसी चक्कर में जमकर अपनी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर बता रही हैं। लेकिन इस बार उनके दावों की पोल किसी और ने नहीं सीएजी ने खोलकर रख दी है। इसी महीने राजस्थान विधानसभा में नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट ने रोजगार पर उनके दावे की हवा निकाल दी है। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार सीएम वसुंधरा राजे नौकरियों की संख्या एक-दो नहीं पांच गुणा बढ़ाकर बता रही हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान स्किल एंड लाइवलीहुड डेवलपमेंट कॉपोरेशन द्वारा 2014 से 2017 के बीच उपलब्ध कराए गए प्लेसमेंट के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया था कि इस दौरान कुल 1 लाख 27 हजार 817 युवाओं ने स्किल डेपलमेंट की ट्रेनिंग ली, इनमें से 42 हजार 758 को नौकरी मिल गई। लेकिन सीएजी की तरफ से किये गए भौतिक सत्यापन में यह सामने आया है कि इनमें से केवल 9 हजार 904 लोगों को ही नौकरी मिली है। वसुंधरा राजे का दावा है कि उनकी सरकार ने कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग के जरिये राज्य के 16 लाख लोगों को रोजगार दिलवाए हैं। वसुंधरा राजे ने ये भी दावा किया था कि उनकी सरकार में 3.25 लाख सरकारी नौकरियां दी गईं, जिनमें 1.35 लाख नौकरियां अभी प्रक्रियारत हैं। उन्होंने ये भी दावा किया कि राज्य में मुद्रा योजना के तहत 20 लाख स्वरोजगारों का सृजन किया गया है। सीएम के इन दावों पर भी सीएजी रिपोर्ट में उंगली उठाई गई है। रिपोर्ट में सीएजी ने राज्य सरकार को अविलंब स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर राज्य में बेरोजगारी दूर करने की सलाह दी है।

सीएजी ने यह रिपोर्ट राजस्थान स्किल एंड लाइवलीहुड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आरएसएलडीसी) द्वारा साल 2014 से 2017 के बीच उपलब्ध कराए गए प्लेसमेंट के आंकड़ों पर पेश की है। वहीं सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमईआई) की एक शोध के मुताबिक राजस्थान में बेरोजगारी की दर 9.8 प्रतिशत है, जबकि देश का बेरोजगारी दर मात्र 6.4 प्रतिशत है।

इसके साथ ही सीएजी रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि राजस्‍थान के 118 आयुर्वेद‍िक अस्‍पतालों में से 40 ऐसे अस्‍पताल हैं, जिनमें पांच वर्षों से एक भी मरीज भर्ती नहीं हुए। और ये आलम तब है जब राज्य सरकार ने इन अस्‍पतालों में सुव‍िधा और श‍िक्षा के नाम पर 2012 से 17 के दौरान 2,655.89 करोड़ रुपये खर्च कर दिये हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2012 से 2013 तक राजस्‍थान के 60 आयुर्वेद‍िक अस्‍पतालों में एक भी मरीज भर्ती नहीं हुए। इसी तरह 2013-14 में 66, साल 2014-15 में 72, साल 2015-16 में 75 और 2016-17 में 79 ऐसे अस्पताल हैं, जहां एक भी मरीज भर्ती नहीं हुए। र‍िपोर्ट के अनुसार आयुर्वेद‍िक अस्‍पतालों को जारी फंड का 91 प्रत‍िशत केवल वेतन और भत्‍तों पर खर्च हो रहा है। यही वजह है कि आयुर्वेद च‍िक‍ित्‍सा सेवाओं पर प्रत‍िकूल प्रभाव पड़ा है।

बता दें कि 2013 में अपने चुनाव अभियान के दौरान वसुंधरा राजे ने ऐलान किया था कि उनकी सरकार बनी तो राज्य में 15 लाख लोगों को नौकरियां दी जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब 2018 में चुनाव से पहले वह लोगों को यही बताने की कोशिश कर रही हैं कि उन्होंने जो वादा किया था, उसे पूरा किया है।

मुख्यमंत्री वसुंधरा की इस गलतबयानी को लेकर कांग्रेस ने सीएम पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि वसुंधरा सरकार ने उन लोगों को भी रोजगार मिलने वालों में शामिल कर लिया है जो कहीं सब्जी या अंडे की दुकान लगाकर किसी तरह से जीविकोपार्जन कर रहे हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत का कहना है कि वसुंधरा राजे ने युवाओं को धोखा दिया है। उन्होंने कहा, “वसुंधरा राजे ने युवाओं की भावनाओं से खेला है। वो बताएं कि जिन नौकरियों का वादा किया गया था, वे आखिर कहां हैं?”

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