सोनिया गांधी से मिले राज ठाकरे, ईवीएम समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा
सोमवार को दिल्ली पहुंचे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर ईवीएम का मुद्दा उठाया और एक पत्र सौंपकर महाराष्ट्र में मतपत्र से चुनाव कराने की मांग की।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ईवीएम, महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव और अन्य राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा हुई। सोनिया गांधी के आवास पर हुई यह मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली। कांग्रेस ने इसे महज एक औपचारिक मुलाकात बताया। मगर इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव होना है।
इससे पहले सोमवार दिन में दिल्ली पहुंचे राज ठाकरे ने चुनाव आयोग के दरवाजे पर दस्तक दी। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और आयोग के अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्र के इस्तेमाल की मांग की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से जनता का विश्वास डिग गया है।
मुलाकात के बाद ठाकरे ने बताया कि उन्होंने ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग को एक पत्र सौंपा है। पांच पन्ने के इस पत्र का शीर्षक 'देश में चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास को वापस लाना' है। इसमें विधानसभा चुनाव परंपरागत बैलेट पेपर से कराने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि “हमें आशंका है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ संभव है। लेकिन बैलेट पेपर की बात करने पर चुनाव आयोग के अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं देखकर मैं यह कह सकता हूं कि वे इस गंभीर मुद्दे पर उदासीन लगे।" उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर मैच पहले से फिक्स है, तब तैयारियों की क्या जरूरत है।
राज ठाकरे ने इस दौरान कुछ मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 220 लोकसभा सीटों पर डाले गए वोट और गिनती के वक्त निकले वोटों में अंतर था, जिससे संदेह पैदा होता है। उन्होंने कहा कि ये संदेह तब और बढ़ जाता है, जब चुनाव आयोग इस जानकारी को वेबसाइट से हटा देता है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में हुए चुनावों में जो हुआ, उसको लेकर कई लोगों ने ईवीएम को लेकर असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों से ईवीएम पर सवाल उठाए जाते रहे हैं, सत्तारूढ़ बीजेपी खुद 2014 से पहले तक ईवीएम के खिलाफ थी, और उसके नेता इस मामले में अदालत तक गए थे। लेकिन अब अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने इस बारे में बात तक करना बंद कर दिया है।
बता दें कि एमएनएस ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि, राज ठाकरे ने प्रदेश में कई जगहों पर मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार किया था। राज ठाकरे की पार्टी ने राज्य में 2009 और 2014 का विधानसभा चुनाव लड़ा था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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