कोरोना से जंग में पुलिस के लिए हथियार तैयार कर रहे कैदी, तमिलनाडु की जेलों चल रहा काम
तमिलनाडु की जेलों में बंद कुछ कैदियों ने घटना को अंजाम देते समय अपना पहचान छिपाने के लिए मास्क का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब वे और उनके अन्य कैदी मिलकर राज्य के जेलों में पुलिस विभाग और जनता के लिए कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए मास्क बना रहे हैं।
तमिलनाडु की जेलों में बंद कुछ कैदियों ने घटना को अंजाम देते समय अपना पहचान छिपाने के लिए मास्क का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब वे और उनके अन्य कैदी मिलकर राज्य के जेलों में पुलिस विभाग और जनता के लिए कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए मास्क बना रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, राज्य की जेलों में सिलाई इकाइयां प्रति दिन लगभग 23,000 मास्क बनाती हैं।
जैसे ही पुलिसकर्मियों को फेस मास्क की कमी का सामना करना पड़ा, जेलों में सिलाई करने वाली इकाइयों को मास्क बनाने के लिए कहा गया। प्रत्येक मास्क की कीमत लगभग 10 रुपये है। यह कैप्टिव उपयोग के लिए है जबकि आपूर्ति के लिए अस्पतालों और अन्य से पूछताछ की गई है।
इस बीच, जेल विभाग ने जेलों में कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक उपाय के रूप में नए कैदियों को रखने के लिए प्रत्येक जिले में 37 उप-जेलों को चिह्न्ति किया गया है। लोगों की जांच की जाएगी और वायरस संक्रमण के लक्षणों वाले लोगों को निकटतम सरकारी अस्पताल में भेजा जाएगा। नए लोगों के लिए आरक्षित जेलों में बंद कैदियों को अन्य जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
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