अब तेंदुलकर की जगह राकेश सिन्हा करेंगे बीजेपी के लिए राज्यसभा में बैटिंग, राष्ट्रपति ने किया मनोनीत
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा, शास्त्रीय नर्तक सोनल मानसिंह समेत चार लोगों को राज्यसभा के लिए मनोनित किया है। माना जा रहा है कि इन सांसदों का मनोनयन आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है।
संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से ठीक 4 दिन पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को विभिन्न क्षेत्र के चार लोगों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इनमें दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और टीवी चैनलों पर संघ और बीजेपी का पक्ष रखने वाले डॉ राकेश सिन्हा, पद्म विभूषण सम्मानित प्रसिद्ध मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा, प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह और उत्तर प्रदेश से बीजेपी के तीन बार लोकसभा सांसद रहे राम सकल सिंह शामिल हैं। केंद्र सरकार ने इन चार नामों का चुनाव कर राष्ट्रपति के पास भेजा था जिस पर कोविंद ने अपनी मुहर लगा दी है।
संसद के मानसून सत्र और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इन सीटों पर मनोनयन को काफी अहम माना जा रहा है। इस समय उच्च सदन में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और सरकार के लिए इसी सत्र में करीब दर्जन महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना बहुत जरूरी है। इसके अलावा राज्यसभा के मौजूदा उप सभापति पीजे कूरियन का कार्यकाल 30 जून को ही समाप्त होने के बाद अब नये उपसभापति के चुनाव में भी सरकार को विपक्ष की ताकत का मुकाबला करना होगा। इस समय राज्यसभा में बीजेपी के पास 69, जबकि उसकी सहयोगी पार्टियों के पास 24 सांसद हैं।
ऐसे में इस गणित को देखते हुए माना जा रहा है कि राष्ट्रपति द्वारा मनोनित सदस्यों का चयन काफी सोच-समझकर लिया गया है। जहां राकेश सिन्हा लंबे समय से टीवी पर आरएसएस का पक्ष रखते हुए एक प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते हैं और दिल्ली स्थित आरएसएस के झुकाव वाले थिंकटैंक इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक हैं। उनके चयन भर से आरएसएस कैडर को संदेश देने की कोशिश होगी कि सरकार संघ के कार्यकर्ताओं को कितनी तवज्जो देती है।
वहीं, शास्त्रीय नर्तक सोनल मानसिंह और मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा ओडीशा से संबंध रखते हैं और इस समय बीजेपी ओडीशा को लेकर काफी सक्रिय है। मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा जहां ओडीशा से हैं, वहीं सोनल मानसिंह भरतनाट्यम के साथ ओडिशी नृत्य शैली की प्रमुख नृत्यांगनाओं में से एक हैं। वह एक प्रसिद्ध कोरियोग्राफर, शिक्षिका, वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। महापात्रा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मूर्तिकार हैं। उन्होंने प्राचीन मूर्तिकला और प्राचीन स्मारकों के संरक्षण के अलावा पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के सौदर्यीकरण के लिए काम किया है। आगामी लोकसभा और ओडीशा विधानसभा चुनाव में बीजेपी इन दोनों के चयन से राजनीतिक लाभ की भरपूर उम्मीद करेगी।
वहीं इस चयन में चौथा नाम उत्तर प्रदेश से तीन बार सांसद रहे दलित नेता राम शकल का है। राम शकल के चयन से बीजेपी आगामी चुनावों में यूपी के दलितों को साधने की कोशिश करेगी। हाल के दिनों में आए कुछ सर्वे के अनुसार आगामी चुनावों में बीजेपी उत्तर प्रदेश में अपने पिछले प्रदर्शन से काफी पीछे रह सकती है। ऐसे में अपना पिछला वोट शेयर बरकरार रखने के लिए बीजेपी के लिए प्रदेश के दलितों को अपने साथ रखना बहुत जरूरी है। और तीन बार के लोकसभा सांसद रहे राम शकल दलित समुदाय से ही आते हैं, जिन्हें पार्टी दलित चेहरे के तौर इस्तेमाल कर सकती है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति कोविंद ने कला, संस्कृति, शिक्षा और सामाजिक कार्य कोटे से ये मनोनयन किये हैं। ये चारों सीटें क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अभिनेत्री रेखा, अनु आगा और पूर्व एटॉर्नी जनरल के परासरन का कार्यकाल पूरा होने से खाली हुई हैं। इन चारों सदस्यों का मनोनयन पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुआ था।
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