मोबाइल की खातिर जलाशय का पानी बहाने वाले अफसर से वसूली की तैयारी, देनें होंगे 21 लाख लीटर पानी की कीमत

पखांजूर में पदस्थ खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास ने जलाशय में गिरे अपने मोबाइल की तलाशी के लिए चार दिन तक मोटर चलाकर जलाशय का पानी खाली कराया था। इस मामले में विश्वास को तो निलंबित किया जा चुका है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में मोबाइल की तलाश के लिए परालकोट जलाशय का लगभग 21 लाख लिटर पानी बर्बाद किए जाने के मामले में प्रशासनिक अमले का रवैया तल्ख है और जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी से इस पानी की राशि वसूलने की तैयारी है।

पखांजूर में पदस्थ खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास ने जलाशय में गिरे अपने मोबाइल की तलाशी के लिए चार दिन तक मोटर चलाकर जलाशय का पानी खाली कराया था। इस मामले में विश्वास को तो निलंबित किया जा चुका है, वहीं जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आर एल धीवर से 21 लाख लीटर पानी की रकम वसूलने की प्रक्रिया जारी है।

इंद्रावती परियोजना मंडल के अधीक्षण यंत्री ने इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें उन पर आरोप लगाया गया है कि खाद्य निरीक्षक का मोबाइल गिरने पर आप की ओर से जलाशय का छह फुट पानी कम करने का आदेश दिया गया, जिसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई चार दिन तक मोटर चला कर जलाशय से पानी खाली किया गया और 21 लाख लिटर पानी व्यर्थ बर्बाद हुआ है। पानी के राजस्व राशि आपके वेतन से क्यों न वसूली जाए अथवा वित्तीय लेख के नाम डाला जाए।


इंद्रावती परियोजना मंडल के अधीक्षण यंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि ग्रीष्म ऋतु में सभी बांध और जलाशय में सिंचाई और निस्तारी हेतु जल की आवश्यकता होती है। व्यर्थ में पानी बहाना दंड की अपराध है, तीन दिन में जवाब दें।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधीक्षण यंत्री का पत्र अनुविभागीय अधिकारी धीवर को भेजा जा चुका है मगर अब तक उनकी तरफ से विभाग को किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया है।


ज्ञात हो कि कांकेर जिले के पखांजूर में परालकोट जलाशय पर अपने साथियों के साथ खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास घूमने गए थे, इसी दौरान वे जब सेल्फी ले रहे थे तभी उनका बेशकीमती फोन जिसकी कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपए बताई जा रही है, जलाशय के पानी में समा गया। फिर क्या था विश्वास परेशान हो गए।

खाद्य निरीक्षक ने मित्रों के साथ फोन को खोजा मगर जलाशय से वे फोन को हासिल नहीं कर पाए, तो दूसरे दिन उन्होंने आसपास के इलाके के उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों को इस काम में लगाया और गोताखोरों की भी मदद ली, उसके बावजूद भी सफलता उनके हाथ नहीं लगी, फिर क्या था राजेश विश्वास ने जलाशय का पानी खाली कराने के लिए मोटर लगवा दी और पानी तेजी से बाहर निकाला गया। लगभग चार दिन यह सिलसिला चला और जलाशय का लगभग छह फुट पानी खाली हो गया तब गोताखोर फोन को हासिल कर सके।


मामला सामने आने पर खाद्य निरीक्षक को निलंबित पहले ही किया जा चुका है। अब पानी के राजस्व की वसूली का अनुविभागीय अधिकारी को नोटिस दिया गया है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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