शिव ‘राज’ में किसानों पर बर्बरता, कपड़े उतारकर हवालात में डाला
एक बार फिर मध्य प्रदेश पुलिस ने किसानों पर लाठियां बरसाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की है, जिसमें कई किसान घायल हो गए।
अभी ज्यादा वक्त नहीं गुजरा जब मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों पर पुलिस ने गोलियां चलाई थीं जिसमें कई किसान मारे गए थे। एक बार फिर मध्य प्रदेश पुलिस ने किसानों पर लाठियां बरसाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की है, जिसमें कई किसान घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब मंगलवार को टीकमगढ़ को सूखाग्रस्त जिला घोषित करने की मांग को लेकर किसान कलेक्टोरेट पहुंचे थे।
बुंदेलखंड अंचल के मुख्य शहर टीकमगढ़ में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय किसानों ने खेत बचाओ-किसान बचाओ आंदोलन के तहत विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात पर अड़े थे, लेकिन कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल अपने दफ्तर से बाहर नहीं आ रहे थे। इस दौरान हालात लगातार बिगड़ती चली गई। देखते ही देखते पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। हादसे में करीब तीन दर्जन से ज्यादा किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस द्वारा इस दौरान लोगों की गिरफ्तारी भी की गई। पुलिस ने दो ट्रैक्टर ट्रालियों में जा रहे किसानों को पकड़कर हवालात में डाल दिया और उन्हें अर्धनग्न अवस्था में डाल दिया। करीब 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को चोट आने की खबर है। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और विपक्ष के नेता अजय सिंह ने भी टीकमगढ़ में हुए लाठीचार्ज की निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार दमन की नीति पर उतर आई है। अरुण यादव ने अपने बयान में कहा कि इस लाठीचार्ज से साबित हो गया है कि राज्य सरकार किसान विरोधी है और यही इसका वास्तविक चरित्र है। अजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को यह रास नहीं आ रहा है किसान अपने हकों के लिए सड़क पर उतर रहे हैं। इसके पहले अजय सिंह ने आंदोलन को संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य आधे से ज्यादा जिले भयावह सूखे की चपेट में हैं और सरकार ने किसी को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया है।
पुलिस की इस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के बाद पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह ने 4 अक्टूबर को टीकमगढ़ बंद का ऐलान किया है। यादवेंद्र सिंह के घर पर हुई कांग्रेस की आपातकालीन बैठक में यह निर्णय लिया गया। पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सारे दुकानदारों, व्यापारियों और नागरिकों से इस बंद में सहयोग करने की अपील की गई है।
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