'मन की बात' तो PM करते हैं, मैं तो 'दिल की बात' करता हूं, सदन का अंतिम दिन है, आज माइक जल्दी बंद न करें: खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह भी कहा कि यह मानसून सत्र का अंतिम दिन है, मेरी विनती है कि आज माइक जल्दी बंद न करें। इस सदन में कई लोगों को निलंबित किया गया है, प्रिविलेज कमेटी को रेफर किया गया।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कई सांसदों को अपने क्षेत्र राज्य या फिर 'दिल की बात' कहने का अवसर नहीं मिल पाता।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कई सांसदों को अपने क्षेत्र राज्य या फिर 'दिल की बात' कहने का अवसर नहीं मिल पाता।
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नवजीवन डेस्क

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को शुक्रवार को बतौर उप-राष्ट्रपति एक वर्ष पूरा हो गया। इसके लिए उन्हें राज्यसभा सांसदों और नेता सदन पीयूष गोयल ने बधाई दी। इस बीच शुक्रवार को जगदीप धनखड़ और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच 'दिल की बात' और 'मन की बात' को लेकर संक्षिप्त लेकिन दिलचस्प चर्चा हुई।

मल्लिकार्जुन खड़गे उन सांसदों की विदाई पर बोलने के लिए खड़े हुए थे, जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस दौरान खड़गे ने कहा कि कई सांसदों को अपने क्षेत्र राज्य या फिर 'दिल की बात' कहने का अवसर नहीं मिल पाता।

खड़गे को टोकते हुए सभापति ने कहा कि 'दिल की बात' हो या फिर 'मन की बात' दोनों कहने का अवसर मिलना चाहिए। सभापति अपनी बात पूरी कह पाते, इससे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नहीं साहब 'मन की बात' तो प्रधानमंत्री मोदी करते हैं मैं तो 'दिल की बात' करता हूं।


इस पर सभापति ने खड़गे से कहा कि चलो 'मन की बात दिल से, यह मीटिंग राउंड है।' नेता प्रतिपक्ष ने सभापति को तपाक से उत्तर देते हुए कहा, नहीं दिल अलग है और मन अलग है।
खड़गे का उत्तर सुनने के बाद सभापति ने मुस्कुराते हुए कहा कभी तो आप मुझे भी पॉइंट्स स्कोर करने का मौका दें।

जवाब में खड़गे ने कहा, "आप तो हमेशा स्कोर करते हैं, बस कभी-कभी मणिपुर जैसे मुद्दे आते हैं तो वह हमको, आपसे जरा अलग कर देते हैं। आप उधर (सत्तापक्ष) की ओर ज्यादा देखते हैं, इधर (विपक्ष की ओर) ज्यादा नहीं देखते।''

इससे पहले सभापति ने मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रशंसा करते हुए कहा कि सदन में खड़गे वह शख्स हैं, जिनसे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों और नेताओं के लिए रिटायरमेंट शब्द का इस्तेमाल करने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कुछ सांसद इस सदन से विदाई जरूर ले रहे हैं लेकिन कोई भी नेता कभी रिटायर नहीं होता।

उन्होंने कहा कि हम कोई सरकारी कर्मचारी नहीं जो कि 60 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट लेकर आराम करेंगे। खड़गे के मुताबिक राजनीति में जब कोई आता है तो वह अपनी आईडियोलॉजी को सतत जीवंत रखने के लिए जीवन भर प्रयास करता है।


खड़गे ने यह भी कहा कि यह मानसून सत्र का अंतिम दिन है, मेरी विनती है कि आज माइक जल्दी बंद न करें। इस सदन में कई लोगों को निलंबित किया गया है, प्रिविलेज कमेटी को रेफर किया गया।


लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी को निलंबित करने का विषय भी खड़गे ने सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी को निलंबित किया गया है, ऐसा ठीक नहीं है, हमें लोकतंत्र की रक्षा करनी है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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