जम्मू-कश्मीर पर पीएम ने राष्ट्र को किया संबोधित, कहा- अब विकास की पटरी पर दौड़ेगा राज्य, लोगों को मिलेगा रोजगार
जम्मू और कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसले के बाद गुरुवार को पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम ने कश्मीर के लोगों को बकरीद की बधाई देते हुए जल्द स्थिति सामान्य होने का भरोसा दिलाते हुए नए कश्मीर और नए लद्दाख के निर्माण का वादा किया।
जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने और संविधान से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पीएम मोदी ने गुरुवार को पहली बार देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने जम्मू और कश्मीर के लोगों को जल्द हालात सामान्य होने का भरोसा दिलाते हुए नए कश्मीर और नए के निर्माण का वादा किया।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, “हमने एक ऐतिहासिक फैसला लिया। इस धारा के कारण हमारे जम्मू-कश्मीर के भाई-बहन अपने अधिकारों से वंचित थे। वह बाधा अब दूर हो गई है। जो सपना पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था वो सपना पूरा हो गया। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नई शुरुआत हुई। मैं जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और देश को बधाई देता हूं।”
पीएम मोदी ने कहा, “सामान्य जीवन में कुछ बातें समय के साथ घुलमिल जाती हैं कि कई बार उनका मन में स्थाई भाव बन जाता है। यह भाव आ जाता है कि कुछ बदलेगा नहीं। धारा 370 के साथ भी ऐसा ही हुआ। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई बहनों की, बच्चों की जो हानि हो रही थी उसकी चर्चा तक नहीं हो रही थी। किसी से बात करें तो कोई यह नहीं बता पाता था कि इससे जम्मू-कशमीर के लोगों के जीवन में क्या फर्क था। 370 और 35 ए ने राज्य को के अलगाववाद, आतंकवाद और परिवारवाद और व्यवस्था में भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इन दोनों धाराओं का देश के खिलाफ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तना द्वारा शस्त्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। पिछले तीन दशक में करीब 42000 निर्दोष लोगों की जान गई। इसकी वजह से राज्य का विकास नहीं हो पाया। अब इन दोनों जगह के लोगों का वर्तमान और भविष्य सुधरेगा।”
अपनी सरकार के फैसले पर पीएम ने कहा, “हर सरकार कानून बनाकर देश के भले के लिए काम करती है। हर दल की सरकार का काम निरंतर चलता रहता है। कानून बनाते समय संसद के अंदर और बाहर बहस होती है। आवश्कता और प्रभाव पर चिंतन होता है, इसके बाद भलाई का कानून बनता है। कोई कल्पना नहीं कर सकता कि सांसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाएं और देश के एक हिस्से में लागू ही न हो। ऐसा पहले होता था। पहले की सरकारें कानून बनाकर वाहवाही लूटती थीं। वह भी दावा नहीं कर सकतीं कि उनका बनाया कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होगा। सारे कानून से देश के डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग वंचित रह जाते थे।”
राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने आगे कहा, “देश के सभी राज्यों में बच्चों को शिक्षा का अधिकार है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के बच्चे इससे वंचित थे। उनका क्या गुनाह है। बेटियों को जो हक मिलते थे, वह जम्मू-कश्मीर की बेटियों को नहीं मिलते थे। सफाई कर्मचारियों के लिए देश में कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे। दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून देश में लागू है, लेकिन वहां ऐसा नहीं था। अल्पसंख्यकों के हित के लिए देश में कानून है, लेकिन राज्य में ऐसा नहीं था। मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी का कानून है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं था। अन्य राज्यों में चुनाव लड़ते समय एससी-एसटी को आरक्षण का लाभ मिलता था, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था।”
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा, “साथियों, अब अनुच्छेद 370 और 35ए बीते हुए इतिहास की बात हो जाने के बाद, उसके नकारात्मक प्रभाव होने के बाद भी जम्मू-कश्मीर जल्दी उससे बाहर निकलेगा, इसका मुझे विश्वास है। नई व्यव्स्था में केंद्र की कोशिश होगी कि राज्य के कर्मचारियों और पुलिस आदि में जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों को बाकी देश जैसी सुविधाएं मिलेंगी। केंद्र शासित प्रदेश में कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं (बच्चों की शिक्षा, एलटीसी) आदि की सुविधाएं नहीं मिलती हैं, जल्द ही इसकी समीक्षा कराकर यह सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जल्द ही कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरु होगी, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेंगे। केंद्रीय सरकारी कंपनियां और निजी क्षेत्र की कंपनियों में युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। सेना और अर्धसैनिक बलों द्वारा स्थानीय युवाओं की भर्ती के लिए रैलियों का आयोजन होगा। सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कोष की तरफ से विद्यार्थियों को लाभ दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में राजस्व घाटा बहुत ज्यादा है। केंद्र सुनिश्चित करेगा कि इसके प्रभाव को कम किया जाए।”
पीएम ने जम्मू-कश्मीर पर लिए फैसले की वजह बताते हुए कहा, “केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही अभी कुछ समय के लिए जम्मू-कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है, इसके पीछे की वजह समझना जरूरी है। राज्यपाल शासन के बाद से वहां की सरकार केंद्र के संपर्क में है। बीते कुछ महीनों में वहां गुड गवर्नेंस और विकास का बेहतर प्रभाव दिखने लगा है। जो योजनाएं सिर्फ कागजों में थी, उन्हें अब जमीन पर उतारा जा रहा है। दशकों से लटके प्रोजेक्ट में तेजी लाई जा रही है। पारदर्शिता लाने का भरसक प्रयास किया गया है। आईआईटी, आईआईएम, एम्स हो या कृषि परियोजनाएं या बिजली प्रोजेक्ट आदि में विकास किया गया है। संचार, सड़क, नई रेल लाइन, एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण आदि करने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।”
पीएम मोदी ने कहा, “देश का लोकतंत्र इतना मजबूत है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में दशकों से हजारों भाई-बहन ऐसे हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में वोट डालने का तो अधिकार था, लेकिन विधानसभा, पंचायत या नगरपालिका के चुनाव में मतदान करने और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं था। यह वे लोग हैं जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे। क्या इनके साथ ऐसा ही चलता रहता?”
पीएम मोदी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्पष्ट करना चाहता हूं कि आपका जनप्रतिनिध आपके द्वारा ही चुना जाएगा, आपके बीच से ही आएगा, जैसे पहले विधायक होते थे, वैसे ही आगे भी होंगे, जैसे पहले कैबिनेट होती थी, वैसे ही आगे भी होगी, जैसे पहले आपके सीएम होते थे. वैसे ही सीएम होंगे। मुझे विश्वास है, नई व्यवस्था के तहत हम आतंकवाद, अलगाववाद से जम्मू-कश्मीर को मुक्त कराएंगे। धरती के स्वर्ग का विकास एक बार फिर विश्व को आकर्षित करेगा। नागरिकों के लिए ईज आफ लिंविंग बढ़ेंगी। उन्हें अधिकार बेरोकटोक मिलेंगे, शासन-प्रशासन आगे बढ़ेगा। इसके बाद केंद्र शासित प्रदेश की प्रक्रिया आगे चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लद्दाख में भी ऐसी व्यवस्था लागू रहेगी। जम्मू-कश्मीर मे चुनाव होंगे, सरकार बनेगी, एमएलए बनेंगे, मंत्री बनेंगे। लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि आपको ईमानदारी के साथ पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलेगा।”
उन्होने कहा, “राज्यपाल से आग्रह है कि ब्लॉक डेवलेपमेंट काउंसिल का गठन जो दशकों से लंबित है उसे जल्द से जल्द पूरा कराएं। मेरा अनुभव है कि 4-5 महीने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जो लोग चुनकर आए वे अच्छा काम कर रहे हैं। कुछ महीने पहले मैं श्रीनगर गया तो उनसे लंबी मुलाकात हुई। वे दिल्ली में मेरे घर भी आए। पंचायत के इन साथियों के कारण जम्मू-कश्मीर में बीते दिनों ग्रामीण स्तर पर तेजी से काम हुआ है। हर घर बिजली, ओडीएफ बनाने आदि में पंचायत के सदस्यों की भूमिका अहम रही है। महिला सदस्यों ने तो कमाल कर दिया। अब धारा 370 हटने के बाद पंचायत सदस्य नई व्यवस्था में काम करते हुए कमाल कर देंगे। मुझे विश्वास है कि जनता अलगाववाद को परास्त करके, नई आशा, ऊर्जा नए सपनों के साथ आगे बढ़ेगी। गुड गवर्नेंस और पारदर्शिता के वातावरण में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।”
पीएम ने कहा, “दशकों के परिवारवाद ने जम्मू-कश्मीर के युवाओँ को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया। अब युवा जम्मू-कश्मीर का नेतृत्व करेंगे और उसे नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। युवाओं और बहन बेटियों से अपील है कि सामने आएं, आगे आएं और कमान संभालें। लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में दुनिया का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र बनने की क्षमता है। शासन प्रशासन में बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें हर देशवासी का साथ चाहिए। पहले बॉलीवुड की फिल्मों की शूटिंग के लिए कश्मीर पसंदीदा जगह थी, हर फिल्म की शूटिंग जम्मू-कश्मीर मे होती थी। हालात सुधरेंगे तो देश के ही नहीं दुनिया भर के लोग फिल्म शूटिंग करने आएंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे। हिंदी, तेलुगु और तमिल फिल्म इंडस्ट्री से आग्रह है कि जम्मू-कश्मीर में निवेश के बारे में सोचें। तकनीक से जुड़े लोगों से आग्रह है कि अपनी नीतियों और फैसलों में प्राधमिकता दें कि कैसे जम्मू-कश्मीर में तकनीक का विस्तार हो। जब डिजिटल कम्यूनिकेशन को ताकत मिलेगी, बीपीओ और सीएसओ बनेंगे तो जम्मू-कश्मीर के भाई बहनों का जीवन आसान होगा, आजीविका और रोजी रोटी कमाने के अवसर बढ़ेंगे। खेल की दुनिया मे जो आगे बढ़ना चाहते हैं, उनके लिए नए स्पोर्ट्स स्टेडियम, संस्थान आदि बनेंगे, इससे वे दुनिया में अपना टैलैंट दिखा पाएंगे। कश्मीर के बच्चे दुनिया में भारत का नाम रोशन करेंगे।”
पीएम ने कहा, “”सेब का मीठापन हो, कहवा का स्वाद, खुबानी का स्वाद, शाल हो, या हर्बल मेडिसिन इसका प्रसार दुनिया भर में होगा। एक उदाहरण- लद्दाख में एक सोलो नाम का पौधा होता है। जानकार कहते हैं कि हाई आल्टीट्यूड पर रहने वालों और सुरक्षा बलों के लिए संजीवनी का काम करता है। कम ऑक्सीजन वाली जगह पर शरीर के इम्यून सिस्टम को संभालने की क्षमता है। ऐसी डीज दुनिया भर में बिकनी चाहिए। ऐसे अनगिनत पौधे, हर्बल प्रोडक्ट जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिखरे पड़े हैं, इनकी पहचान होगी, बिक्री होगी, इसका लाभ स्थानीय लोगों और किसानों को मिलेगा। उद्योमियों और एक्सपोर्ट से जुड़े लोग, फूड प्रोसेसिंग वाले आगे आएं और यहां के उत्पाद दुनिया भर में पहुंचाएं।
लद्दाख का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, “केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख के विकास की जम्मेदारी अब केंद्र सरकार की है। लद्दाख काउंसिल के सहयोग से अब केंद्र के विकास के काम यहां तेजी से होंगे। आध्यात्मिक, एडवेंचर और इको टूरिजम्म की क्षमता है। सोलर पॉवर में यह बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है। लद्दाख के जवानों की इनोवेटिस स्पिरिट को मौका मिलेगा। अस्पताल, इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण होगा।”
सरकार के फैसले पर हो रहे विरोध की तरफ इशारा करते हुए पीएम ने कहा, “कुछ लोगों के मतभेद हैं, मैं उसका सम्मान करता हूं, आपत्ति का सम्मान करता हूं। केंद्र उनके जवाब दे रही है। मेरा आग्रह है कि देशहित को ध्यान में रखते हुए व्यवहार करें, सरकार की मदद करें, कश्मीर की मदद करें। संसद में किसका समर्थ मिला या नहीं मिला, उससे आगे बढ़कर हमें मिलकर एकजुट होकर काम करना है। हर देशवासी को कहना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की चिंता हम सबकी चिंता है। उनके सुख-दुख और तकलीफ से हम अलग नहीं हैं। अनुच्छेद 370 से मुक्ति एक सच्चाई है। सच्चाई यह भी है कि इस समय एहतियात के तौर पर कुछ कदम उठाने की जरूरत थी। उससे परेशानी हुई और लोगों ने उसका मुकाबला किया और सहयोग देकर किया। कुछ मुट्ठी भर लोग माहौल बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें कश्मीर के लोग ही जवाब दे रहे हैं। आतंकवाद और अलगाववाग के लिए पाकिस्तानी साजिश के खिलाफ कश्मीर के लोग खड़े हैं। सबको अच्छा जीवन जीने का अधिकार है। सपनों को साकार कनरे का लिए मौका उनका हक है। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे परेशानी कम होगी, हालात सामान्य होंगे।”
बकरीद का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, “ईद का मुबारक त्योहार नजदीक है। मेरी ओर से आप सभी को शुभकामनाएं। सरकार को ध्यान रखना है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों को ईद मनाने में कोई परेशानी न हो। जो लोग बाहर हैं, उन्हें घर भेजने में सकार मदद कर रही है। सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों का आभार करता हूं। प्रशासन, और राज्य के सभी कर्मचारी और पुलिस के लोग सभी प्रशंसनीय हैं। आपके परिश्रम ने मेरा विश्वास बढ़ाया है कि बदलाव हो सकता है, लोगों का भला हो सकता है।”
कश्मीर के लोगों के बलिदान का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, “जम्मू-कश्मीर देश का मुकुट है, इसकी रक्षा के लिए अनेक वीरों ने बलिदान दिया है, जीवन दांव पर लगाया। पुंछ के मौलवी गुलामदीन ने 65 की लड़ाई में भारतीय सेना को सतर्क किया था, उन्हें अशोक चक्र दिया गया। कर्नल सोनम वांगचू को महावीर चक्र मिला। राजौरी की रुखसाना कौसर ने आतंकी को मारा, उन्हें कीर्ति चक्र मिला। पुंछ के औरंगजेब की आतंकियों ने हत्या की, उनके भाई दोनों सेना में हैं। आतंकियों से लड़ते हुए जम्मू-कश्मीर के अनेक पुलिसकर्मी, नागरिक, दूसरे हिस्सों के लोगों ने जान दी है, इनका शांत, सुरक्षित जम्मू-कश्मीर का सपना है, उसे हम सबको मिलकर पूरा करना है।जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पूरे भारत की आर्थिक प्रगति में सहयोग करेगा। स्वाभाविक रूप से इससे विश्व शांति के प्रयासों को मजबूती मिलेगी। मैं भाई-बहनों का आह्वान करता हूं कि दुनिया को दिखा दें कि यहां के लोगों का हौसला कितना ज्यादा है। आइए नए भारत के साथ नए जम्मू-कश्मीर और नए लद्दाख का निर्माण करें।”
बता दें कि मंगलवार को संसद में सरकार ने एक प्रस्ताव पेश कर अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार प्राप्त था। इसके साथ ही सरकार द्वारा पेश जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन बिल भी पास हो गया जिसके तहत राज्य को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया है।
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